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वर्ष 2017 से अब तक मुठभेड़ में मारे गए 220 से अधिक अपराधी, मंत्री का बड़ा खुलासा, पुलिस की गोली से घायल हुए 8,022 बदमाश

अपराध नियंत्रण के लिए जीरो टोलरेंस की नीति के तहत यूपी में वर्ष 2017 से अब तक 220 अपराधियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है. इतना ही नहीं अपराध के कई अन्य मामलों के निपटन के लिए भी बड़ी कार्रवाई की गई है.

Encounters in Uttar Pradesh
Encounters in Uttar Pradesh- फोटो : news4nation

Encounters  : वर्ष 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में  220 से अधिक अपराधी मुठभेड़ में मारे गए. राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को बताया कि 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आपराधिक तत्वों को निशाना बनाकर चलाए गए अभियानों में 220 से अधिक अपराधी मुठभेड़ में मारे गए, जबकि 8,022 अन्य घायल हुए।


राज्य का बजट पेश करते हुए खन्ना ने कहा कि आदित्यनाथ को विरासत में एक ऐसा राज्य मिला था, जो बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से जूझ रहा था, जिसमें बड़े पैमाने पर आपराधिक गतिविधियां और माफिया राज था। उन्होंने कहा, "शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध सरकार ने अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और पूरे राज्य में अपराधियों, गैंगस्टरों और माफिया गुर्गों के खिलाफ चौतरफा अभियान चलाया।"


उन्होंने कहा कि 20 मार्च, 2017 से 23 जनवरी, 2025 के बीच कुख्यात अपराधियों पर सरकार की कार्रवाई से महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा, "2017 से राज्य के विभिन्न जिलों में आपराधिक तत्वों को निशाना बनाकर चलाए गए अभियानों के दौरान मुठभेड़ में कुल 221 अपराधी मारे गए, जबकि 8,022 अन्य घायल हुए।" राज्य ने 68 चिन्हित माफिया अपराधियों के खिलाफ प्रभावी तरीके से मुकदमा चलाया, जिसमें 73 मामलों में दोषसिद्धि सुनिश्चित की गई। 



पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित हुआ

उन्होंने बताया कि इनमें से 31 माफियाओं को आजीवन कारावास या कठोर कारावास के साथ जुर्माना लगाया गया, जबकि दो को मृत्युदंड दिया गया। महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों के क्षेत्र में कुल 27,425 मामले दर्ज किए गए। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत 11,254 मामले दर्ज किए गए और 3,775 दहेज हत्या के मामलों का समाधान किया गया, जिससे पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित हुआ।


साइबर अपराध से तेजी से निपट रहा राज्य 

साइबर अपराध से निपटने में राज्य के प्रयास भी उल्लेखनीय रहे हैं, जिसमें 13,83,232 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश ऐसे उपायों में देश में शीर्ष पर है।  2017 से 31 दिसंबर 2024 के बीच दर्ज 77,210 मामलों में से 66,475 मामलों का निपटारा किया गया। इसके अलावा, 43,202 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और जांच के दौरान 320.89 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई।


उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के फोरेंसिक बुनियादी ढांचे में भी विस्तार हुआ है। 2017 से पहले, राज्य में केवल चार फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएँ थीं। उन्होंने कहा कि तब से, आठ नई फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं, और अयोध्या, बस्ती, बांदा, आजमगढ़, मिर्जापुर और सहारनपुर सहित छह और जिलों में काम चल रहा है। सभी 74 जेलों और जिला न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा स्थापित की गई है, जिससे कैदियों के लिए रिमांड कार्यवाही को आसान बनाया जा सके।


जेलों में लगाए सीसीटीवी कैमरे

सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, जेलों में लगभग 4,800 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही फीड की निगरानी के लिए मुख्यालय में एक वीडियो वॉल स्थापित की गई है। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने कहा कि अवैध संचार को रोकने के लिए 24 जेलों में 3जी क्षमता वाले 271 मोबाइल फोन जैमर लगाए गए हैं।

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