Bihar Crime: गर्भवती महिला की हत्या कर शव जलाने का सनसनीखेज आरोप, ससुराल वाले फरार, 24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुआ FIR
Bihar Crime: ससुराल पक्ष पर एक गर्भवती महिला की हत्या कर शव को जलाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस वीभत्स घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।

Bihar Crime: जमुई टाउन थाना क्षेत्र के थेगुआ गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ ससुराल पक्ष पर एक गर्भवती महिला की हत्या कर शव को जलाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस वीभत्स घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है।
मृतका की पहचान और आरोप
मृतका की पहचान खैरा थाना क्षेत्र के सगदाहा गांव की रहने वाली उषा कुमारी के रूप में हुई है, जिसकी शादी वर्ष 2022 में सौरव उर्फ सोनू से हुई थी। शादी के बाद उनकी एक बेटी भी हुई। परिजनों का आरोप है कि शादी के बाद से ही उषा को ससुराल में लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था और उसे मायके आने-जाने भी नहीं दिया जाता था।
घटना का खुलासा और परिजनों का आक्रोश
बुधवार सुबह करीब 10 बजे उषा के घरवाले थेगुआ गांव पहुंचे तो देखा कि ससुराल पक्ष के सभी सदस्य घर से फरार थे। यह देख आक्रोशित परिजनों ने गांव में जमकर हंगामा किया और ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाते हुए उषा के शव की बरामदगी की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई और बरामद अवशेष
सूचना मिलने पर जमुई एसडीपीओ सतीश सुमन एवं टाउन थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मृतका के चचेरे ससुर और पूर्व मुखिया पिंटू मंडल को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
परिजनों का आरोप है कि मंगलवार-बुधवार की रात ससुराल वालों ने मिलकर उषा की हत्या कर दी और शव को जला दिया। उन्होंने यह भी बताया कि हत्या के बाद शव को रेलवे लाइन पर लिटाया गया ताकि ट्रेन से उसका शरीर टुकड़े-टुकड़े हो जाए और पहचान न हो सके। इसके बाद उसके अवशेषों को जला दिया गया। हालांकि, पुलिस को शमशान घाट से जलती हुई लकड़ियां और मानव अवशेष (हड्डियां) बरामद हुई हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस पर ढिलाई और राजनीतिक दबाव का आरोप
एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया, "हमें सूचना मिली थी कि एक दंपत्ति अपनी डेढ़ से दो साल की बच्ची के साथ लापता है। परिजनों का आरोप है कि लड़की की हत्या कर शव को छुपाया गया है। प्राथमिक जांच के लिए बताए गए स्थानों पर छानबीन की गई, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ। फिलहाल आवेदन देने को कहा गया है, जिसके बाद विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।"
हालांकि, घटना के 24 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद भी जमुई पुलिस इस मामले में ना तो FIR दर्ज कर पाई है और ना ही किसी तरह की ठोस कार्रवाई की है। इसको लेकर मृतका के परिजनों में भारी रोष है और उनका आरोप है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में आकर कार्रवाई नहीं कर रही है।
बहरहाल, अब देखना होगा कि परिजनों के गंभीर आरोपों के बाद जमुई पुलिस इस संवेदनशील मामले में क्या ठोस कदम उठाती है। खबर लिखे जाने तक FIR भी दर्ज नहीं हुई थी, जिससे मामले की गंभीरता और पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
रिपोर्ट- सुमित कुमार सिंह