Bihar News: अवैध नर्सिंग होम में जच्चा-बच्चा की गई जान, डॉक्टर बना दलाल, अस्पताल को किया गया सील
Bihar News: सबसे बड़े सरकारी अस्पताल से महज़ 500 मीटर की दूरी पर, अवैध नर्सिंग होम का काला कारोबार खुलेआम चल रहा है।

Bihar News:बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। ज़िला मुख्यालय बेतिया में, वह भी ज़िले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल से महज़ 500 मीटर की दूरी पर, अवैध नर्सिंग होम का काला कारोबार खुलेआम चल रहा है। बिना डिग्रीधारी “चिकित्सक” बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर दलालों के जरिए मरीज़ों को फँसाते हैं और उनकी जान से खिलवाड़ करते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यही गोरखधंधा ज़िले के आला स्वास्थ्य अधिकारियों के मुख्यालय की नाक तले फल-फूल रहा है।
ताज़ा मामला शहर के मित्रा चौक स्थित न्यू पारस हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम का है। यहाँ पर बिना किसी मेडिकल डिग्री के धंधा चला रहे हामिद अली और उनकी पत्नी शमा साबरिन के गलत इलाज से गर्भवती महिला रश्मि कुमारी (पत्नी चंदन कुमार, ग्राम लौरिया) की मौत हो गई। इतना ही नहीं, नवजात शिशु की भी ज़िंदगी छीन ली गई। हादसे के बाद आरोपी दंपति मौके से फ़रार हो गए।
जानकारी मिलते ही सिविल सर्जन ने अस्पताल को सील कर दिया। जांच में खुलासा हुआ कि यह नर्सिंग होम पूरी तरह अवैध था और किसी भी योग्य डॉक्टर के बिना संचालित हो रहा था। सवाल यह है कि जब ज़िले भर में दर्जनों ऐसे नर्सिंग होम धड़ल्ले से चल रहे हैं तो स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन आखिर सो कहाँ रहा है? क्या कार्रवाई सिर्फ़ तब होगी जब मासूम ज़िंदगियाँ चली जाएँगी?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन क्वैक नर्सिंग होम्स के पीछे स्वास्थ्य विभाग और ज़िला प्रशासन की सीधी मिलीभगत है। यही वजह है कि कार्रवाई के नाम पर दिखावा होता है और मौत के सौदागर बेख़ौफ़ अपने धंधे को जारी रखते हैं।
आरोपी हामिद अली केवल झोलाछाप ही नहीं बल्कि एक राजनीतिक दल के प्रदेश उपाध्यक्ष भी बताए जाते हैं। ऐसे में संरक्षण की परतें और गहरी दिखाई देती हैं। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और आरोपी दंपति की तलाश की जा रही है।
यह पहला मामला नहीं है। कुछ माह पहले नरकटियागंज में भी डॉक्टर रमेश गुप्ता का क्वैक क्लिनिक सील किया गया था, लेकिन बिना परमिशन के उसने दोबारा ताला तोड़कर क्लिनिक खोल लिया और धड़ल्ले से ऑपरेशन करने लगा। हाल ही में वहाँ भी एक ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ी, लेकिन परिजनों की सूझबूझ से जान बच सकी।
रिपोर्ट- आशीष कुमार