Cyber Crime:साइबर माफिया का डिजिटल किला ढहा,पाँच गिरफ़्तार, चार फरार,आलीशान बंगले पर चलेगा क़ानून का हथौड़ा
Cyber Crime:बिहार के मोतीहारी से एक बार फिर साइबर जुर्म की वह दास्तान सामने आई है, जो न सिर्फ़ दहला देती है, बल्कि ये बताती है कि डिजिटल दुनिया में बैठे माफिया अब हाईटेक हथकंडों से करोड़ों का खेल खेल रहे हैं।

Cyber Crime:बिहार के मोतीहारी से एक बार फिर साइबर जुर्म की वह दास्तान सामने आई है, जो न सिर्फ़ दहला देती है, बल्कि ये बताती है कि डिजिटल दुनिया में बैठे माफिया अब हाईटेक हथकंडों से करोड़ों का खेल खेल रहे हैं। इस पूरे नेटवर्क का "BOSS" नामक गिरोह ऑपरेटर निकला, जिसकी ताबेदारी में साइबर ठग दिन को शरीफ और रात में कोर्ट रूम जैसा सेटअप बना कर लोगों को डिजिटल गिरफ़्त में ले लेते थे।
मोतीहारी एसपी स्वर्ण प्रभात की अगुवाई में साइबर डीएसपी अभिनव पराशर के नेतृत्व में चलाए गए ऑपरेशन में पुलिस ने पाँच कुख्यात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनके पास से मिली तीन रुपया गिनने की मशीनें, ₹30 लाख नकद, हथियार, लग्ज़री गाड़ियाँ, नेपाली मुद्रा, दर्जनों मोबाइल, लैपटॉप और दर्जनों बैंक दस्तावेज़ों ने पुलिस को भी हैरान कर दिया।
गिरफ्तार साइबर अपराधियों की शिनाख्त हुई है जिनमें सुमित सौरभ (26) चांदमारी, मोतिहारी,संजीव कुमार (24) रघुनाथपुर, पप्पू कुमार (24) मझौलिया, बेतिया,सुनील श्रीवास्तव (49) रघुनाथपुर, दीपांशु पांडेय (28) – राजा बाज़ार, मोतिहारी शामिल हैं। इनके पास से ₹29,29,680 भारतीय मुद्रा,₹99,500 नेपाली मुद्रा, 24 मोबाइल, 7 लैपटॉप,2 देशी रिवॉल्वर, 13 ज़िंदा कारतूस,3 कैश काउंटर मशीन,49 एटीएम, 37 चेकबुक, 16 पासबुक,SBI ढाका ब्रांच की स्टांप,1 थार, 1 ब्रेजा, 1 बुलेट,एक डायरी जिसमें दैनिक ट्रांज़ैक्शन का लेखा-जोखा बरामद हुआ है। एसपी स्वर्ण प्रभात ने चार फरार साइबर माफिया पुरषोत्तम चौधरी (घोड़ासहन),सत्यम सौरभ (चमड़ा गोदाम),राजकिशोर राम (भलुहा रघुनाथपुर),आयुष पांडे (अम्बिका नगर बंजरिया) पर ₹20-20 हज़ार का इनाम घोषित किया है।
क़ानून की सख्ती
एसपी ने साफ़ चेताया कि यदि ये अपराधी समय रहते कोर्ट या थाना में सरेंडर नहीं करते, तो इनके साइबर फ्रॉड से बनाए गए आलीशान बंगलों पर क़ानून का हथौड़ा चलेगा। ये बंगले न सिर्फ़ काली कमाई के गवाह हैं, बल्कि आम लोगों की मेहनत की लूटी गई पूंजी का अड्डा भी।
डार्क वेब और क्रिप्टो का इस्तेमाल:
पुलिस को सबूत मिले हैं कि यह गिरोह डार्कवेब से जुड़ा था और ठगी के पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करता था। ट्रांज़ैक्शन की ट्रेसिंग के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।मोतीहारी पुलिस की ये कार्रवाई सिर्फ़ गिरफ़्तारी नहीं, बल्कि एक ऐसे नेटवर्क का पर्दाफ़ाश है जो गांव-कस्बे से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म तक फैला था। अब पुलिस की नजर उस हर लिंक पर है, जो BOSS गिरोह से जुड़ा है।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार