Bihar Crime: विधानसभा चुनाव से पहले विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद, थार-ट्रक-पिकअप जप्त, एक तस्कर गिरफ्तार

Bihar Crime: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शराब तस्करों का नया कारनामा सामने आया है। लेकिन पुलिस की तत्परता से उनका प्लान फेल हो गया और एक धंधेबाज खाकी के हत्थे चढ़ गया।

Bihar Crime: विधानसभा चुनाव से पहले विदेशी शराब की बड़ी खेप
विधानसभा चुनाव से पहले विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद- फोटो : reporter

Bihar Crime:  विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शराब तस्करों का नया कारनामा सामने आया है। लेकिन पुलिस की तत्परता से उनका प्लान फेल हो गया और एक धंधेबाज खाकी के  हत्थे चढ़ गया। मनियारी थाना क्षेत्र के मदरसा चौक के पास पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक ट्रक में भारी मात्रा में विदेशी शराब की खेप बरामद की। मौके पर एक थार गाड़ी और एक पिकअप भी जप्त किए गए, जबकि एक शराब तस्कर की गिरफ्तारी भी हुई।

सूत्रों के मुताबिक, शराब तस्कर चुनाव में खपाने के लिए बड़ी मात्रा में शराब लेकर आ रहे थे। लेकिन मनियारी थाना की पुलिस पहले से अलर्ट मोड पर थी, और सूचना मिलते ही उन्होंने जाल बिछाकर शराब से भरे ट्रक का एस्कॉर्ट कर रहे वाहनों को पकड़ा। सबसे पहले थार गाड़ी को रोका गया, जिससे एक तस्कर की गिरफ्तारी हुई। उसके बाद ट्रक और पिकअप को जप्त कर लिया गया। हालांकि, मौके का फायदा उठाकर ट्रक चालक और पिकअप चालक फरार होने में सफल रहे।

थाना प्रभारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर की गई यह छापेमारी बेहद सफल रही। उन्होंने कहा, “एक कंटेनर ट्रक में लोड विदेशी शराब की खेप बरामद की गई है। साथ ही शराब से भरे ट्रक का एस्कॉर्ट कर रहे एक थार गाड़ी और पिकअप भी जप्त किए गए हैं। मौके से एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। उससे पूछताछ कर बाकी तस्करों की पहचान की जा रही है।”

मामले की गंभीरता इस बात से भी जाहिर होती है कि विधानसभा चुनाव से पहले शराब तस्करी में तेजी आ जाती है, और तस्कर चुनावी क्षेत्र में शराब की सप्लाई के लिए सक्रिय हो जाते हैं। मनियारी पुलिस की सतर्कता और गुप्त सूचना ने इस बड़े लेन-देन को रोक दिया।बरामद तीनों वाहनों को थाना लाकर शराब की मात्रा और किस्म का मिलान किया जा रहा है। पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में शराब तस्करों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोग मानते हैं कि चुनावी समय में शराब तस्करी पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है, ताकि जनता पर दबाव डालकर वोटिंग को प्रभावित करने की कोशिशों को रोका जा सके। इस मामले ने एक बार फिर दिखा दिया कि पुलिस की सक्रियता और गुप्त सूचना तस्करी रुकने में कितनी अहम भूमिका निभा सकती है।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा