Bihar Crime: 10 लाख दो वरना धुंआ-धुंआ कर दिया जाएगा....सांसद और विधायक को जान से मारने की धमकी, हाई-अलर्ट पर प्रशासन
Bihar Crime: बिहार में सांसद और विधायक से 10 लाख की रंगदारी मांगी गई है, नहीं देने पर धुंआ-धुंआ कर देने की धमकी दी गई है....
Bihar Crime: बिहार में प्रशासन के सरकार कहते हैं कि अपराधियों को बिहार छोड़ना पड़ेगा, और अपराधी हैं कि आम लोग तो छोड़िए सत्ताधारी दल के सांसद और विधायक से भी रंगदारी मांगने से नहीं चूक रहे, रंगदारी हीं नहीं जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। ताजा मामला सीवान और बड़हरिया का है। जदयू की दो प्रमुख हस्तियों, सीवान की सांसद विजयलक्ष्मी देवी और बड़हरिया के विधायक इंद्रदेव सिंह, को 10 लाख रुपये की रंगदारी देने का दबाव डाला गया है। धमकी देने वाले ने स्पष्ट कहा है कि अगर यह रकम नहीं दी गई, तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। खौफनाक धमकी मिलते ही दोनों जनप्रतिनिधियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और अपने-अपने थानों में लिखित शिकायत दर्ज कराई। मामले के सामने आने के बाद प्रशासन में हलचल मच गई है और पूरा सिस्टम हाई-अलर्ट मोड में आ चुका है। दोनों नेताओं ने बताया कि कॉल अनजान नंबर से आई थी, और कॉलर ने धमकी देते हुए रंगदारी की रकम का अल्टीमेटम दिया।
यह घटना अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि जब जनप्रतिनिधि खुद इस तरह के खतरों का सामना कर रहे हैं, तो आम जनता की सुरक्षा स्थिति पर सवाल उठना लाजिमी है। पुलिस ने मामले को संवेदनशील मानते हुए तकनीकी सर्विलांस और कॉल ट्रैकिंग की प्रक्रिया तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में असामाजिक तत्वों का हाथ हो सकता है और जल्द ही कॉल की लोकेशन और नंबर की डिटेल प्राप्त की जा रही है।
इस बीच, मैरवा थाने में सांसद प्रतिनिधि मनोरंजन श्रीवास्तव ने एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें बताया गया कि 3 दिसंबर की रात को 6385646982 नंबर से लगातार दो कॉल आईं। कॉल करने वाले ने 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और न देने पर जान से मारने की धमकी दी।
सिर्फ सांसद ही नहीं, बड़हरिया के विधायक इंद्रदेव सिंह को भी इस काले धंधे का शिकार होना पड़ा। विधायक को रंगदारी की मांग और जान से मारने की धमकी दी गई। जानकारी के मुताबिक, धमकी देने वाले ने कहा कि रंगदारी नहीं दी तो धुंआ-धुंआ कर दिया जाएगा।
अब देखना यह है कि मैरवा थाना और अन्य प्रशासनिक अधिकारी इस गंभीर मामले में कानूनी कार्रवाई कब तक करते हैं और इस अपराधी गिरोह को बेहद सख्ती से कैसे निपटते हैं। बहरहाल इस मामले ने साफ कर दिया है कि राजनीति अब सिर्फ विरोधियों से नहीं, बल्कि अपराधियों के गिरोहों से भी खतरे में है।