डेस्क: बिहार पुलिस महकमे की एक महिला डीएसपी ने आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस की महिला अधिकारी की पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च के लिए तय की है. साथ ही जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने मामले पर बिहार सरकार और आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद को नोटिस जारी किया है.
दरअसल,पटना हाईकोर्ट ने 19 सितंबर, 2024 का हाईकोर्ट के अपने आदेश IPS ऑफिसर के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द कर दिया था. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में अपने फैसले में कहा था कि महिला और आनंद के बीच स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बने थे. अगर किसी कारणों से दोनों का रिश्ता नहीं हो पाया तो आईपीसी की धारा 376 के तहत रेप के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का औचित्य नहीं रखती. बता दें, इस मामले में पीड़िता महिला डीएसपी ने आईपीएस अधिकारी पुष्कर आनंद पर शादी का झूठा वादा करके उसके साथ रेपकरने का आरोप लगाया था.
कैमूर थाने में दर्ज हुआ था बलात्कार का मामला
विदित हो कि महिला अधिकारी की शिकायत पर 29 दिसंबर, 2014 को बिहार के कैमूर में महिला पुलिस थाने में आईपीएस अधिकारी और उनके माता-पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आनंद के खिलाफ रेप और आपराधिक धमकी का मामला दर्ज किया गया था, जबकि उनके माता-पिता पर अपराध को बढ़ावा देने का मामला दर्ज किया गया. महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि भभुआ में डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति के दो दिन बाद आनंद ने सोशल मीडिया के जरिए उससे संपर्क करना शुरू किया. उनका रिश्ता पहले शादी की ओर बढ़ रहा था वो शारीरिक संबंध में बदल गया. हालांकि जब उनकी कुंडली मेल नहीं खाई तो शादी का प्रस्ताव विफल हो गया.