'भाजपा ने सिर्फ बदनाम करने के लिए लगाया भ्रष्टाचार का आरोप', करप्शन केस में CBI की क्लोजर रिपोर्ट के बाद बीजेपी पर बरसे 872 दिन जेल में रहे सत्येंद्र जैन

भ्रष्टाचार आरोप में 872 दिन जेल में रहे सत्येंद्र जैन के खिलाफ लगभग चार साल की जांच के बाद, सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जिसमें कहा गया कि आरोपियों के खिलाफ कोई आपराधिक साक्ष्य नहीं मिला।

Satyendar Jain
Satyendar Jain- फोटो : news4nation

Satyendar Jain : आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसने केवल अरविंद केजरीवाल की पार्टी को बदनाम करने के लिए आप नेताओं को झूठे मामलों में फँसाने की साजिश रची। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आप नेता सत्येन्द्र जैन पर लगाए गए  गंभीर भ्रष्टाचार से जुड़े  एक मामले में दायर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के बाद आप अब भाजपा पर हमलावर है। आप नेता सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत देते हुए, एक विशेष अदालत ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व लोक निर्माण मंत्री और अन्य के खिलाफ 2018 में विभाग के लिए एक क्रिएटिव टीम की नियुक्ति में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित एक मामले में दायर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली। अदालत ने कहा कि "जांच में कोई आपराधिक गतिविधि या सरकार को कोई गलत नुकसान नहीं पहुँचाने का पता चला।"


चंडीगढ़ में  जैन ने कहा कि जब 2019 में उनके आवास पर छापेमारी की गई, तो सीबीआई को कुछ नहीं मिला। उन्होंने याद करते हुए कहा, "मेरे खिलाफ यह मामला 29 मई, 2019 को दर्ज किया गया था। मेरे घर पर 30 मई को छापा मारा गया था। उस समय यह राष्ट्रीय समाचार था; हर मीडिया चैनल इसे कवर कर रहा था। सब कुछ उलट-पुलट कर दिया गया था। किताबों की तलाशी ली गई। यहाँ तक कि मेरे बच्चों के बैग की भी तलाशी ली गई, लेकिन कुछ नहीं मिला।" जैन ने कहा कि न्याय में देरी हुई।


उन्होंने कहा, "मेरे परिवार को जो कुछ सहना पड़ा, वह ठीक नहीं था। मैं एक शिक्षक का बेटा हूँ। अरविंद केजरीवाल ने मुझसे कहा था कि अगर मैं आप में शामिल हुआ, तो हमें जेल भेजा जा सकता है। मुझे लगा कि यह मज़ाक है, लेकिन बाद में मुझे राजनीति समझ में आ गई। राजनीति में आने से पहले मेरे ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज नहीं था। हम मध्यम वर्ग के लिए एक मिसाल बन गए हैं कि अगर आप राजनीति में आने की हिम्मत करेंगे, तो आपके साथ यही होगा।"


सीबीआई को नहीं मिला कोई सबूत

लगभग चार साल की जांच के बाद, सीबीआई ने अप्रैल 2022 में अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कहा गया कि जैन या अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई आपराधिक साक्ष्य नहीं मिला। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि न तो कोई व्यक्तिगत लाभ, रिश्वतखोरी, या आपराधिक मंशा का सबूत मिला और न ही दिल्ली सरकार को कोई वित्तीय नुकसान हुआ। जांच में यह भी पाया गया कि पेशेवरों की नियुक्ति की आवश्यकता उचित थी और इसमें कोई भ्रष्टाचार या आपराधिक साजिश का सबूत नहीं था।


कोर्ट की टिप्पणी

विशेष जज दिग विनय सिंह ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि जब जांच एजेंसी को इतने लंबे समय तक कोई आपराधिक साक्ष्य नहीं मिला, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध को साबित कर सके, तो आगे की कार्यवाही का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हर वह निर्णय जो नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करता, उसे भ्रष्टाचार के दायरे में नहीं लाया जा सकता। इसके लिए ठोस साक्ष्य की आवश्यकता होती है, जो इस मामले में नहीं मिला।