Delhi e commerce fraud: दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को बताया कि उन्होंने सस्ते दरों पर फोटोकॉपी पेपर देने का वादा करके एक व्यक्ति से लगभग 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। धोखाधड़ी के लिए सूरत, गुजरात में पंजीकृत बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया। लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके खातों का इस्तेमाल अवैध आय के लिए किया जा रहा है।
मोहम्मद फैज़ान अंसारी नामक व्यक्ति ने 14 सितंबर को पुलिस से संपर्क किया और आरोप लगाया कि एक ई-कॉमर्स फर्म ने उसके साथ लगभग 9.96 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। एक अधिकारी ने बताया कि अंसारी ने पुलिस को बताया कि वह फोटोकॉपी पेपर की तलाश में इंटरनेट पर ब्राउज़ कर रहा था, तभी उसे एक कंपनी मिली, जो इसे बहुत सस्ती दर पर पेश कर रही थी। पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) राकेश पावरिया ने कहा, "उन्होंने 4.10 लाख रुपये मूल्य के फोटोकॉपी कागजात के 8,000 रिम खरीदने में रुचि दिखाई और कुल लागत में 9.96 लाख रुपये ट्रांसफर किए, जिसमें शिपिंग शुल्क, कंटेनर जमा शुल्क, जीएसटी और अन्य भुगतान शामिल थे।"
पैसे भेजने के बावजूद नहीं मिला पेपर
पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि पैसा देने के बाद उसे किसी भी तरह का फोटोकॉपी पेपर नहीं भेजा गया। इसके बारे में जब पता लगाया गया तो मालूम पड़ा कि पैसा गुजरात के एक राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा किया गया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सूरत में तीन लोगों - 26 वर्षीय अनीस अनवर भाई गोहिल, 31 वर्षीय मोबिन जावेद अंसारी और 33 वर्षीय पारस जीतेंद्र पटेल को ट्रैक किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।