Crime News:बकाया सैलरी माँगना पड़ा महँगा, मालिक ने कर दिया अश्लील कांड, पुलिस ने दबोचा साइबर-शैतान

Crime News: जरा सोचिए एक महिला कर्मचारी ने सिर्फ़ अपना मेहनत का हक़, यानी बकाया तनख़्वाह माँगी... और जवाब में उसके पूर्व मालिक ने ऐसा ज़हरीला हथियार चलाया कि किसी की भी रूह काँप जाए।

Crime News:बकाया सैलरी माँगना पड़ा महँगा, मालिक ने कर दिया अ
:बकाया सैलरी माँगना पड़ा महँगा, मालिक ने कर दिया अश्लील कांड- फोटो : NEWS 4 NATION

Crime News: सर्द हवा में एक ऐसा साइबर अपराध सामने आया है जिसने इंसानियत और कानून दोनों को झकझोर दिया। ज़रा सोचिए एक महिला कर्मचारी ने सिर्फ़ अपना मेहनत का हक़, यानी बकाया तनख़्वाह माँगी... और जवाब में उसके पूर्व मालिक ने ऐसा ज़हरीला हथियार चलाया कि किसी की भी रूह काँप जाए। दिल्ली पुलिस ने 37 वर्षीय मोहम्मद साहिद को गिरफ़्तार किया है जिसने सूडो-शोहरत और बदले की बीमारी में अपनी पूर्व कर्मचारी की इज़्ज़त को सोशल मीडिया पर नीलाम करने की साज़िश रच डाली।

23 सितंबर को पीड़िता ने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उसने कहा कि किसी अंजान शख्स ने उसकी पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल करके फेक इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाया है। ये नकली अकाउंट उसके दोस्तों, रिश्तेदारों और जानने वालों को फॉलो रिक्वेस्ट भेज रहा था, और सबसे ख़तरनाक उस पर अश्लील और आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड की जा रही थीं। मक़सद साफ था सोशल प्लेटफॉर्म पर उसकी साख का क़त्ल।

पुलिस ने मामला हल्के में नहीं लिया। BNS की गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ और साइबर टीम एक्टिव हो गई। टेक्निकल सर्विलांस, डिजिटल फुटप्रिंट और इंस्टाग्राम के डेटा एनालिसिस के बाद खुलासा हुआ कि यह अकाउंट हरियाणा के IMT मानेसर से ऑपरेट हो रहा है। टीम ने कई दिनों तक लोकेशन की मॉनिटरिंग की, और फिर 27 अक्टूबर को सर्च ऑपरेशन में आरोपी को मानेसर से दबोच लिया।

गिरफ़्तार आरोपी की पहचान बिहार के मधुबनी निवासी 37 वर्षीय मोहम्मद साहिद के रूप में हुई है। पूछताछ में साहिद ने जो बयान दिया, वो हैरान करने वाला था। उसने बेझिझक स्वीकार किया कि वो मेरी पूर्व कर्मचारी थी। उसने बकाया सैलरी माँगी थी। गुस्से में मैंने उसकी फोटो से फेक इंस्टा अकाउंट बनाया और अश्लील पोस्ट डालकर उसे बदनाम करने लगा।

पुलिस ने उसके मोबाइल फोन को कब्ज़े में लेकर फॉरेंसिक भेज दिया है। मोबाइल में वही फेक अकाउंट लॉगिन मिला, जो साहिद के अपराध की खुली गवाही था। पुलिस उसके बाकी डिजिटल डिवाइस भी सीज़ कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कहीं उसने अन्य महिलाओं या कर्मचारियों के साथ भी ऐसी हरकत तो नहीं की।

ये मामला सिर्फ़ साइबर अपराध नहीं, बल्कि डिजिटल ज़हर, ऑनलाइन चरित्र हत्या और इंसानी सोच के अँधेरे का सबूत है। सवाल बड़ा है क्या एक महिला अपने हक़ की माँग भी बिना डर के नहीं कर सकती?