School News: 245 प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग ने भेजा नोटिस, 15 दिन का अल्टीमेटम, मान्यता होगी रद्द !
School News: शिक्षा विभाग ने 245 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजा है। 15 दिनों के अंदर इन स्कूलों को जवाब देना होगा नहीं तो विभाग इनपर बड़ी कार्रवाई करेगा और इन स्कूलों की मान्यता भी रद्द हो सकती है।

School News: शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश न देने पर 245 प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा है। विभाग ने 15 दिनों में जवाब मांगा। दरअसल, पूरा मामसा गुरुग्राम का है। जहां 245 निजी स्कूलों को जिला शिक्षा विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन स्कूलों को 15 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। यदि तय समय में स्पष्टीकरण नहीं मिला, तो मौलिक शिक्षा निदेशालय की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
529 में से केवल 92 बच्चों को मिला दाखिला
जिले में फिलहाल 529 मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल संचालित हो रहे हैं। RTE नियमों के तहत इन स्कूलों को 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती हैं। इस वर्ष के लिए 470 बच्चों को प्रवेश मिलना चाहिए था, लेकिन अब तक सिर्फ 92 बच्चों को ही दाखिला दिया गया है।
स्कूलों ने कई आवेदनों की अनदेखी की
आंकड़ों के अनुसार, 199 बच्चों के आवेदन स्कूलों ने वेरिफाई तक नहीं किए जबकि 179 आवेदनों को सीधे रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं, दाखिले की सूचना शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपडेट करने की जिम्मेदारी भी स्कूलों ने पूरी नहीं की। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने ईमेल के जरिये नोटिस जारी किया है।
परिजन दस्तावेज लेकर भटक रहे
प्रवेश प्रक्रिया के दौरान कई अभिभावक जिला शिक्षा कार्यालय में दस्तावेज लेकर भटकते रहे, लेकिन स्कूलों ने बच्चों को दाखिला नहीं दिया। अभिभावकों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन के बाद भी स्कूलों ने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। जिससे अब बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है।
शिक्षा विभाग पर सवाल
अभिभावकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग निजी स्कूलों पर पर्याप्त दबाव नहीं बना पा रहा है। अभिभावकों की शिकायत है कि हर साल EWS बच्चों के साथ यही भेदभाव होता है, जिससे कई बच्चे स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं।
जवाब नहीं मिला तो कार्रवाई
आरटीई हरियाणा के नोडल अधिकारी नवीन अग्रवाल ने बताया कि, जिन स्कूलों ने गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दिया है, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। यदि 15 दिन में जवाब नहीं मिला, तो संबंधित स्कूल संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्ती से निर्देश दिए गए हैं।