Ajmer Sharif Dargah Case: अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह को लेकर एक विवाद गहरा गया है। हिंदू सेना ने दावा किया है कि यह स्थल मूल रूप से भगवान शिव का एक मंदिर था। इस दावे के समर्थन में, उन्होंने 1910 में प्रकाशित एक पुस्तक को अदालत में पेश किया है।इस मामले में आज कोर्ट सुनवाई करेगा. कोर्ट तय करेगा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी या नहीं.
अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह, जो एक प्रसिद्ध सूफी संत की दरगाह है, को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है. हिंदू सेना ने दावा किया है कि इस दरगाह की जगह पहले एक हिंदू मंदिर था. इस दावे के समर्थन में उन्होंने 1910 में प्रकाशित एक किताब का हवाला दिया है.
इस मामले में अजमेर की सिविल कोर्ट में सुनवाई चल रही है. हिंदू सेना ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से दरगाह का सर्वेक्षण कराने की मांग की है. यदि कोर्ट इस मांग को मान लेता है, तो संभल मस्जिद की तरह यहां भी सर्वेक्षण किया जा सकता है.
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि अजमेर दरगाह को भगवान शिव का मंदिर घोषित किया जाना चाहिए और दरगाह समिति के अवैध कब्जे को हटाया जाना चाहिए.दूसरी ओर, दरगाह समिति ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.