Tirumala Tirupati Devasthanam: पिछले कुछ समय से प्रसाद के लड्डू की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बाद तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट बोर्ड की हाल ही में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिनका सीधा प्रभाव तिरुपति बालाजी मंदिर के तीर्थयात्रियों और कर्मचारियों पर पड़ेगा।सबसे वड़ा फैसलों में से एक है, तिरुपति देवस्थानम में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या अन्य विभागों में स्थानांतरण का विकल्प देने का निर्णय। यह फैसला करीब 7000 कर्मचारियों में से 300 को प्रभावित कर सकता है।
पिछले कुछ समय से प्रसाद के लड्डू की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर, बोर्ड ने लड्डू बनाने में बेहतर गुणवत्ता वाले घी का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। तिरुमाला मंदिर परिसर में राजनीतिक गतिविधियों और बयानबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता को बनाए रखना है।
तीर्थयात्रियों को लंबी प्रतीक्षा से बचाने के लिए, बोर्ड ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके दर्शन के लिए प्रतीक्षा अवधि को कम करने का लक्ष्य रखा है। अब तीर्थयात्रियों को 2-3 घंटे में दर्शन हो सकेंगे।स्थानीय निवासियों के लिए विशेष दर्शन: तिरुपति के स्थानीय निवासियों को हर महीने के पहले मंगलवार को विशेष दर्शन का अवसर प्रदान किया जाएगा।
एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर, टीटीडी के नियमों का उल्लंघन करने वाले एक मठ के पट्टे को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।टीटीडी बोर्ड ने ट्रस्ट के फंड को निजी बैंकों से हटाकर राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है।