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Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा समाप्ति की ओर, 44 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, केदारनाथ के कपाट बंद

उत्तराखंड के चारों धामों में इस वर्ष की यात्रा का समापन हो गया है। शनिवार, 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए। इससे पहले, 2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जा चुके थे। यमुनोत्री धाम के कपाट आज, 3 नवंबर को दोपहर 12:04 बजे बंद होंगे।

समाप्ति की ओर चार धाम यात्रा
समाप्ति की ओर चार धाम यात्रा- फोटो : Hiresh Kumar

Char Dham Yatra: उत्तराखंड के चार धाम यात्रा का समापन होने लगा है। शनिवार से केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने लगे हैं। इस वर्ष लगभग 44 लाख श्रद्धालुओं ने इन पवित्र स्थलों पर दर्शन किए।गंगोत्री धाम के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं, जबकि केदारनाथ के कपाट आज सुबह बंद किए गए। यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज दोपहर को बंद हो जाएंगे। बद्रीनाथ धाम में दर्शन के लिए अभी कुछ समय बचा है।इस वर्ष मई में खोले गए केदारनाथ धाम में अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। बद्रीनाथ धाम में भी 13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।

शनिवार, 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए। इससे पहले, 2 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जा चुके थे। यमुनोत्री धाम के कपाट आज, 3 नवंबर को दोपहर 12:04 बजे बंद होंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर तक खुले रहेंगे।इस वर्ष चारों धामों में कुल 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। केदारनाथ में 16 लाख 15 हजार 642, बद्रीनाथ में 13 लाख से अधिक, यमुनोत्री में 7.10 लाख और गंगोत्री में 8.11 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार, बद्रीनाथ, यमुना माता और गंगा माता के दर्शन किए।शनिवार को केदारनाथ धाम में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया। बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को भंडार से बाहर निकालकर पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने मूर्ति के दर्शन किए।

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति को विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ ले जाया गया। कपाट बंद करने से पहले मंदिर को दस क्विंटल फूलों से सजाया गया था।

इसी तरह, उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर को दोपहर 12:14 बजे बंद कर दिए गए। इस अवसर पर गंगोत्री धाम में हर-हर गंगे, जय मां गंगा के जयकारे गूंज उठे। सेना के बैंड और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की मधुर धुन के साथ मां गंगा की डोली यात्रा अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुई। अब अगले छह महीने तक श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन मुखबा में कर सकेंगे।गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए मार्कंडेयपुरी देवी मंदिर में रुकी, जहां भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया।चारों धामों में बद्रीनाथ धाम इस बार सबसे अंत में बंद होगा। इसके कपाट 17 नवंबर को बंद किए जाएंगे। यहां अब तक लगभग 13 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। तृतीय केदार, तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर और द्वितीय केदार, मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद किए जाएंगे।


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