Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, और इस वर्ष वसंत पंचमी 2025 का पर्व 2 फरवरी को, रविवार के दिन पड़ेगा। इस दिन ज्ञान, कला, और संगीत की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, और देवी को पीले या केसरिया रंग के वस्त्र, फूल और भोग अर्पित करते हैं।
वसंत पंचमी का महत्व
वसंत पंचमी के दिन को मां सरस्वती के प्रकट होने का दिन माना जाता है। पुराणों के अनुसार, देवी सरस्वती के एक हाथ में पुस्तक, दूसरे हाथ में वीणा, तीसरे में माला, और चौथा हाथ वर मुद्रा में होता है। इसलिए उन्हें बुद्धि, कला और संगीत की देवी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है ताकि विद्या और कला के क्षेत्र में आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
वसंत पंचमी के दिन क्या न करें
इस पवित्र दिन पर कुछ कार्यों से परहेज करना चाहिए ताकि पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सके। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद पचौरी के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन निम्नलिखित कार्यों से बचना चाहिए:
मांस-मदिरा का सेवन न करें: इस दिन शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन करना चाहिए और किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
वाद-विवाद से बचें: वसंत पंचमी के दिन किसी से भी वाद-विवाद या अपशब्द कहने से बचें। इस दिन अपने से बड़ों का अपमान करना शुभ नहीं माना जाता।
पेड़-पौधे या फसल न काटें: इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है, इसलिए पेड़-पौधों या फसलों को काटने से परहेज करना चाहिए।
वसंत पंचमी के दिन क्या करें
इस पवित्र दिन पर कुछ कार्य विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। वसंत पंचमी के दिन निम्नलिखित कार्य अवश्य करें:
मां सरस्वती की पूजा: वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें। उन्हें पीले फूल, भोग और वस्त्र अर्पित करें।
हल्दी अर्पित करें: पूजा में मां सरस्वती को हल्दी अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
केसरिया भात का भोग: मां सरस्वती को पीले मीठे चावल बहुत प्रिय हैं, इसलिए पूजा में केसरिया भात (मीठे चावल) का भोग लगाएं। इसके अलावा, केसर युक्त खीर भी चढ़ाई जा सकती है।
पेन और बहीखाता रखें: पूजा में मां सरस्वती के सामने अपने पेन, पेपर, बही खाता आदि रखें। इससे कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
वसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व
वसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व है। यह रंग वसंत ऋतु और देवी सरस्वती के ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने, पीले फूल चढ़ाने और पीले व्यंजन बनाने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
वसंत पंचमी 2025
वसंत पंचमी 2025 का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से विद्या, बुद्धि, और कला में उन्नति होती है। इस पावन दिन पर पूजा विधि और परंपराओं का सही तरीके से पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। देवी सरस्वती के आशीर्वाद से ज्ञान और कला के क्षेत्र में सफल होने का यह एक सुनहरा अवसर है।