Chaitra Navratri 2025: चैत्न नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानिए माता का स्वरूप, मंत्र, आरती सहित सबकुछ

Chaitra Navratri 2025: चैत्न नवरात्र के दूसरा दिन देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप, ब्रह्मचारिणी की आराधना के लिए समर्पित है।

Chaitra Navratri 2025
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- फोटो : social Media

Chaitra Navratri 2025: चैत्न नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व और विधि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह दिन देवी दुर्गा के दूसरे स्वरूप, ब्रह्मचारिणी की आराधना के लिए समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी को तपस्विनी और ज्ञान की देवी माना जाता है। उनका नाम “ब्रह्मचारिणी“ इस तथ्य को दर्शाता है कि उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत भव्य और तेजमय होता है। वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके दाहिने हाथ में जप माला तथा बाएं हाथ में कमंडल होता है। उनकी पूजा करने से भक्तों में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम जैसे गुणों की वृद्धि होती है.

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चैत्न नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए 

पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध करें।

अभिषेक: मां को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) से स्नान कराएं।

भोग अर्पण: मां को चीनी या मिश्री का भोग लगाएं। इसके अलावा दूध और दूध से बने व्यंजन भी अर्पित करें34.

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आरती: अंत में कपूर और घी के दीपक जलाकर माता की आरती करें।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जाता है:

दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

इस दिन मां को चीनी का भोग लगाने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इससे उपासक को लंबी आयु प्राप्त होती है और वह नीरोग रहता है.