Satuani 2025: सतुआनी आज, इस दिन सत्तू खाने और दान का इस कारण है विशेष महत्व, शुरू होंगे मांगलिक कार्य

Satuani 2025: सतुआनी आज पूरे बिहार में मनाया जा रहा है। हर वर्ष 14 अप्रैल को नई फसल की कटाई की खुशी में सत्तू और आम के टिकोले के साथ चटनी खाने की परंपरा है। इस दिन भगवान को सत्तू का भोग अर्पित किया जाता है, जिसे बाद में प्रसाद के रूप में ग्रहण किया

Satuani 2025
सतुआनी आज- फोटो : social Media

Satuani 2025: सतुआनी पर्व,जिसे सत्तू संक्रांति या मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है,  बिहार में यह पर्व सूर्य के मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। इस खगोलीय घटना को मेष संक्रांति कहा जाता है, जो हिंदू पंचांग के अनुसार बैसाख माह की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन खरमास समाप्त हो जाता है और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।जयद योग एक विशेष खगोलीय स्थिति है, जिसमें ग्रहों और नक्षत्रों का विशेष संयोग बनता है। 14 अप्रैल 2025 को सूर्य स्वाति नक्षत्र और जयद योग में मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसे ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व बताया गया है।

सतुआनी पर्व पर सत्तू (भुने हुए चने या जौ का आटा) और कच्चे आम (टिकोरा) का सेवन किया जाता है। यह भोजन गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करता है और सुपाच्य होता है। इसके साथ गुड़, पानी, और अन्य मौसमी फलों का भी सेवन किया जाता है।

इस दिन लोग अपने देवी देवता को मिट्टी के घड़े में पानी, गेहूं, जौ, चना और मक्के का सत्तू आम का टिकोला रखते हैं. भगवान को भोग लगाते हैं. फिर प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्य सत्तू आम का टिकोला का चटनी खाते हैं. इस दिन लोग सुबह गंगा में स्नान करके मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. वैज्ञानिक महत्व के रूप में समक्षें तो गर्मियों में सत्तू खाने स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. गर्मी के दिनों में इस अमृत कहा जाता है.

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इस दिन लोग सत्तू, जल से भरे घड़े, पंखे, गुड़, चना आदि वस्तुओं का दान करते हैं। यह दान पितरों को संतुष्ट करने और सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः" मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है।

खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं के समाप्त होने के साथ ही विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं।

गर्मी के मौसम की शुरुआत होने पर शरीर को ठंडा रखने वाले आहार जैसे सत्तू और आम खाने का प्रावधान वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी माना गया है। सत्तू प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है तथा शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। वहीं कच्चे आम विटामिन सी युक्त होते हैं जो लू से बचाव करते हैं।