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Basnt panchami 2025 : बसंत पंचमी ऐसे करें देवी सरस्वती पूजा, इन सामग्रियों लगाएं भोग, जाने पूजा का शुभ मुहूर्त

देवी सरस्वती की पूजा इस वर्ष बसंत पंचमी को 2 फरवरी को है.इस दिन विद्या की देवी की पूजा के लिए विशेष सामग्रियों का भोज लगाने से श्रद्धालुओं की मन वांछित इच्छा पूरी होती है. इस वर्ष कुछ खास विधान से देवी सरस्वती का आशीष पाया जा सकता है.

Goddess Saraswati
Goddess Saraswati - फोटो : news4nation

Basnt panchami 2025 : ऋतुराज बसंत के आगमन के साथ ही हिंदुओं को सरस्वती पूजा का इंतजार सबसे पहले रहता है. इस वर्ष  वसंत पंचमी 2025 का पर्व 2 फरवरी को, रविवार के दिन पड़ेगा।  वसंत पंचमी के दिन को मां सरस्वती के प्रकट होने का दिन माना जाता है। पुराणों के अनुसार, देवी सरस्वती के एक हाथ में पुस्तक, दूसरे हाथ में वीणा, तीसरे में माला, और चौथा हाथ वर मुद्रा में होता है। इसलिए उन्हें बुद्धि, कला और संगीत की देवी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है ताकि विद्या और कला के क्षेत्र में आशीर्वाद प्राप्त हो सके।


ज्ञान, कला, और संगीत की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, और देवी को पीले या केसरिया रंग के वस्त्र, फूल और भोग अर्पित करते हैं। वसंत पंचमी का उत्सव मां सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मां की विधि विधान से पूजा से व्यक्ति को जीवन में हर कदम पर सफलता मिलती है। 


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, तो उन्होंने सबसे पहले जीवों और मनुष्यों का निर्माण किया।  यदि इस दिन मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाए, तो शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त हो सकती है। 


वसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व

वसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व है। यह रंग वसंत ऋतु और देवी सरस्वती के ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है। इस दिन पीले वस्त्र पहनने, पीले फूल चढ़ाने और पीले व्यंजन बनाने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।


इनसे करें पूजा

सरस्वती पूजा को लेकर बसंत पंचमी पर लाल फूल, सफ़ेद फूल, धूप, दीप, अक्षत, रोली, माला, नैवेद्य, गंगाजल, दूध, पंचामृत, पंजीरी भोग के लिए जरुर से अर्पित करना चाहिए.  इस दिन किताब और कलम की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन संगीत यंत्र भी पूजा की जाती है। अब ऐसे में अगर आप बसंत पंचमी के दिन विद्या और कला की देवी सरस्वती की पूजा कर रहे हैं तो सरस्वती यंत्र की भी पूजा करने से भक्तों को लाभ हो सकता है।


वसंत पंचमी 2025

वसंत पंचमी 2025 का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से विद्या, बुद्धि, और कला में उन्नति होती है। इस पावन दिन पर पूजा विधि और परंपराओं का सही तरीके से पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। देवी सरस्वती के आशीर्वाद से ज्ञान और कला के क्षेत्र में सफल होने का यह एक सुनहरा अवसर है।

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