Bihar Teacher News: दो महिला शिक्षिकाओं के काम से शर्मशार शिक्षा विभाग, अब होगी जांच, इनसे भी होगी पूछ-ताछ, गुरुआइन पर लटकी तलवार
Bihar School News: महिला शिक्षिकाओं द्वारा छात्रों से कार्य कराने के मामले में शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

Bihar Teacher News:भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड स्थित मुखेरिया मध्य विद्यालय में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो महिला शिक्षिकाओं पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल के छात्रों से अपनी स्कूटी पर लगा कीचड़ साफ करवाया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, यह घटना 12 अप्रैल 2025 को मुखेरिया मध्य विद्यालय में हुई। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो महिला शिक्षिकाएं स्कूल परिसर में अपनी स्कूटी लेकर खड़ी हैं, और कुछ छात्र उनकी स्कूटी पर लगे कीचड़ को कपड़े से साफ कर रहे हैं। वीडियो में शिक्षिकाओं को छात्रों को निर्देश देते हुए भी देखा गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब स्कूल में इस तरह की घटना हुई हो। कुछ अभिभावकों ने आरोप लगाया कि शिक्षक अक्सर बच्चों को पढ़ाई के बजाय निजी कामों में लगाते हैं, जो शिक्षा के माहौल के लिए ठीक नहीं है। हालाकि न्यूज4नेशन वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
शिक्षा विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की। एक यूजर ने लिखा, "शिक्षक का काम बच्चों को पढ़ाना है, न कि उनसे घरेलू काम करवाना। यह शर्मनाक है। इस मामले की जानकारी मिलते ही भागलपुर जिला शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने इस घटना को गंभीर बताया और कहा कि मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। डीईओ ने मीडिया को बताया कि हमने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है। यह प्रथम दृष्टया अनुचित व्यवहार प्रतीत होता है। जांच समिति 48 घंटों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर दोषी शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
सूत्रों के अनुसार, जांच समिति में स्थानीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य शामिल होंगे। अगर आरोप सही पाए गए, तो शिक्षिकाओं को निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। जगदीशपुर प्रखंड के बीडीओ ने भी इस मामले पर चिंता जताई और कहा कि बच्चों को स्कूल में सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर इस तरह की घटनाएं भविष्य में दोहराई गईं, तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय अभिभावकों ने इस घटना को बच्चों के अधिकारों का हनन बताया। एक अभिभावक ने कहा, "हम अपने बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं, न कि शिक्षकों के निजी काम करने के लिए। यह गलत है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" कुछ अभिभावकों ने स्कूल में जाकर प्रिंसिपल से इस मामले पर जवाब मांगा, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने जांच का भरोसा दिलाया।
यह घटना एक बार फिर बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के माहौल और शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं बच्चों के मनोबल को तोड़ सकती हैं और उनके स्कूल आने की इच्छा को कम कर सकती हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी और प्रशासनिक ढिलाई के कारण ऐसी समस्याएं सामने आती हैं।
फिलहाल, शिक्षा विभाग ने शिक्षिकाओं से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। अगर उनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो विभाग नियमों के अनुसार कार्रवाई करेगा। इसके अलावा, स्कूल में बच्चों के साथ होने वाले व्यवहार की निगरानी के लिए एक स्थायी तंत्र बनाने की भी चर्चा चल रही है।
बहरहाल मुखेरिया मध्य विद्यालय की इस घटना ने पूरे राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर बहस छेड़ दी है।अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि शिक्षा विभाग इस मामले में कितनी तेजी और पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करता है।