Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग का नया ऑर्डर, प्रधानाध्यापकों का बढ़ा टेंशन!,करना होगा ये काम,नहीं तो...

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और अनुशासित बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों की जिम्मेदारियों में बढ़ोतरी की गई है।

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प्रधानाध्यापकों का बढ़ा टेंशन!- फोटो : social Media

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में अब आधारभूत संरचना और आवश्यक संसाधनों की कमी की समस्याएं धीरे-धीरे खत्म होने जा रही हैं। शिक्षा विभाग ने एक नई व्यवस्था लागू की है जिसके तहत अब प्रत्येक स्कूल के प्रधानाध्यापक को अपने विद्यालय का सर्वेक्षण कर उसकी रिपोर्ट ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।प्रधानाध्यापक द्वारा दी गई इस रिपोर्ट का सत्यापन जिला पदाधिकारी  के माध्यम से किया जाएगा। उसके बाद यह रिपोर्ट बिहार राज्य शैक्षिक आधारभूत संरचना विकास निगम को भेजी जाएगी, जो आवश्यक निर्माण कार्यों की शुरुआत करेगा।

भागलपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा के अनुसार, रिपोर्ट में भवन की आवश्यकता,शौचालय की स्थिति और आवश्यकता,बिजली उपकरण की स्थिति,बेंच-डेस्क की उपलब्धता,बाउंड्री वॉल (चहारदीवारी) की आवश्यकता,पेयजल व्यवस्था, अन्य जरूरी संरचनात्मक सुविधाओं के बारे में जानकारी देना जरुरी है।इस नई प्रणाली को लागू करने के पीछे एक बड़ा कारण है। जब पूर्व में निरीक्षण के आधार पर प्राक्कलन तैयार कर भौतिक स्थिति का मूल्यांकन किया गया, तो भागलपुर सहित पूरे राज्य में कई गलतियां पाई गई थीं। इसके कारण कई स्थानों पर निर्माण कार्य में देरी हुई।

अब अगर किसी भी स्तर पर रिपोर्ट में त्रुटि पाई जाती है — चाहे वह प्रधानाध्यापक की हो, या जिला स्तरीय पदाधिकारी की — तो मुख्यालय द्वारा सीधी कार्रवाई की जाएगी।मुख्यालय द्वारा अब सभी स्कूलों की रिपोर्ट की तुलना स्थानीय निरीक्षण,जिला स्तरीय रिपोर्ट और प्रधानाध्यापक द्वारा ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी से की जाएगी। इस प्रक्रिया से पारदर्शिता बनी रहेगी और गलत जानकारी देने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी।

इस नई व्यवस्था से स्कूलों की आवश्यकताओं का सही मूल्यांकन हो सकेगा, निर्माण कार्यों में तेजी आएगी,बच्चों को बेहतर शिक्षा माहौल मिलेगा,प्रधानाध्यापकों की जवाबदेही बढ़ेगी और भ्रष्टाचार या लापरवाही पर लगाम लगेगीबिहार सरकार की यह पहल न केवल शिक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने में मदद करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में किसी भी सरकारी स्कूल को बुनियादी सुविधाओं की कमी न झेलनी पड़े।