Bihar School: बिहार में बाढ़ का असर, 48 स्कूल बंद, शिक्षा व्यवस्था बाधित, पढ़ाई पर पड़ा पानी
Bihar School: बाढ़ की बेलगाम लहरों ने एक बार फिर बिहार में कहर बरपाया है।गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने जहां जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, ...

Bihar School: बाढ़ की बेलगाम लहरों ने एक बार फिर बिहार में कहर बरपाया है। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने जहां जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं शिक्षा के मंदिरों यानी विद्यालयों पर भी ताले जड़ दिए हैं। जिला पदाधिकारी भोजपुर के आदेश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के 48 विद्यालयों को 5 अगस्त से 9 अगस्त तक पूर्णतः बंद कर दिया गया है।
बाढ़ की इस कयामत के बीच बच्चों की जान-माल की हिफ़ाज़त को प्राथमिकता देते हुए, जिला शिक्षा पदाधिकारी मानवेंद्र कुमार राय ने इन विद्यालयों की सूची जारी की है। यह निर्णय शाहपुर और आर (आराह) प्रखंड के विद्यालयों के निरीक्षण के पश्चात लिया गया है, जहां विद्यालय भवनों में बाढ़ का पानी घुस आया है और छात्र-छात्राओं के लिए आवागमन एक चुनौती बन गया है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है, जिसमें बताया गया कि विद्यालय परिसरों में जलजमाव और चारों ओर कीचड़ ने बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। ऐसे में पढ़ाई की जगह बच्चों को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी बन गई है।
जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में, संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को यह निर्देश भी दिया गया है कि इन विद्यालयों में पदस्थापित प्रधानाचार्य, प्रभारी प्रधानाचार्य, शिक्षक और शिक्षिकाओं को छात्र-शिक्षक अनुपात को ध्यान में रखते हुए अन्य सुरक्षित विद्यालयों में स्थानांतरित कर शिक्षण कार्य में लगाया जाए।इस निर्णय का मकसद है कि तालीमी सिलसिला न थमे, भले ही स्थान बदले जाएं। बच्चों के भविष्य की रौशनी किसी बाढ़ के थपेड़े से बुझने नहीं दी जाएगी।
मानवेंद्र कुमार राय ने कहा कि बाढ़ की संभावित तबाही को ध्यान में रखते हुए ये कदम सावधानी और संवेदनशीलता दोनों का मेल है। साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि वे इस निर्णय के शत-प्रतिशत अनुपालन को सुनिश्चित करें।
यह बाढ़ सिर्फ पानी नहीं लाती, बल्कि परीक्षा भी लाती है प्रशासन की सतर्कता और समाज की सजगता की। और जब बच्चों की सुरक्षा दांव पर हो, तो हर तालाबंदी, तालीम की हिफ़ाजत बन जाती है।
रिपोर्ट- आशिष कुमार