Bihar Teacher News: शिक्षा के मंदिर में ही शराब की गंध, नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुंचे हेड मास्टर ,उसके बाद जो हुआ...

Bihar Teacher News: मोतिहारी से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। जहां हेडमास्टर शराब के नशे में मिले हैं।...

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शिक्षा के मंदिर में ही शराब की गंध- फोटो : Reporter

Bihar Teacher News: मोतीहारी जिले में शराबबंदी कानून को खुलेआम चुनौती देने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। कुड़वाचैनपुर थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरुही के हेडमास्टर (एचएम) रमस्वार्थ प्रसाद ने उस समय सभी को हैरान कर दिया, जब वह सुबह-सुबह शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंच गए। यह घटना न केवल शिक्षा के मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि बिहार में लागू शराबबंदी कानून की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाती है।

घटना 30 अप्रैल 2025 की सुबह की है, जब रमस्वार्थ प्रसाद, जो उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरुही के हेडमास्टर हैं, नशे की हालत में स्कूल पहुंचे। स्कूल में प्रवेश करते ही उनके डगमगाते कदम और झूमती चाल ने शिक्षकों और छात्रों को चौंका दिया। नशे में धुत हेडमास्टर की हरकतें देखकर बच्चे और शिक्षक स्तब्ध रह गए। बच्चों ने तुरंत इसकी जानकारी अपने अभिभावकों को दी, जिन्होंने बिना देर किए कुड़वाचैनपुर थाना पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल पहुंचकर हेडमास्टर रमस्वार्थ प्रसाद को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने उनकी मेडिकल जांच कराई, जिसमें शराब के सेवन की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, क्योंकि एक शिक्षक, जो बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी निभाता है, खुद शराब के नशे में स्कूल पहुंचा।

घटना के बाद अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने हेडमास्टर के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की। एक अभिभावक रमेश कुमार ने कहा कि जो व्यक्ति बच्चों को अनुशासन और नैतिकता सिखाने का जिम्मा लेता है, वह खुद इस तरह की हरकत करे, यह शर्मनाक है। शिक्षा विभाग को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। एक अन्य अभिभावक, सुनीता देवी ने कहा कि इस घटना ने बच्चों पर बुरा प्रभाव डाला है और स्कूल की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि हेडमास्टर की ऐसी हरकतें पहले भी चर्चा का विषय रही हैं लेकिन इस बार मामला तब उजागर हुआ, जब बच्चों ने हिम्मत दिखाकर अभिभावकों को सूचित किया। स्कूल के कुछ शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रमस्वार्थ प्रसाद का व्यवहार पहले भी संदिग्ध रहा है, लेकिन इस बार उनकी हरकत ने हद पार कर दी।

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कुड़वाचैनपुर थाना प्रभारी ने बताया कि हेडमास्टर को शराब के नशे में स्कूल पहुंचने की शिकायत मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की गई। मेडिकल जांच में शराब की पुष्टि होने के बाद उनके खिलाफ बिहार शराबबंदी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही, शिक्षा विभाग को भी इस मामले की जानकारी दी गई है, ताकि हेडमास्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सके। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों से उच्च नैतिक मानदंडों की अपेक्षा की जाती है, और इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।

बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी कानून के बावजूद इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। हाल के वर्षों में कई सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, और यहां तक कि पुलिसकर्मी भी शराब के नशे में पकड़े गए हैं। मोतीहारी में ही मार्च 2025 में एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) को शराब के नशे में महिला शिक्षिका से दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह, मुजफ्फरपुर में एक हेडमास्टर को नशे में स्कूल पहुंचने और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने की कोशिश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पटना हाईकोर्ट ने भी नवंबर 2024 में शराबबंदी कानून पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह कानून पुलिस और तस्करों के लिए कमाई का जरिया बन गया है, जिससे अवैध शराब का कारोबार बढ़ रहा है। इस तरह की घटनाएं न केवल कानून की प्रभावशीलता पर सवाल उठाती हैं, बल्कि समाज में नैतिकता और अनुशासन की स्थिति को भी उजागर करती हैं।

सवाल यह है कि जब शिक्षा के मंदिर में ही शराब की गंध फैलेगी, तो बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? इस घटना के बाद शिक्षा विभाग और पुलिस से सख्त कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार

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