Bihar Education News: शिक्षा विभाग में 'बैक डेट' का महाघोटाला, एसडीओ की जाँच में खुली भ्रष्टाचार की पोल, मचा हड़कंप

Bihar Education News: शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार का ऐसा 'खेल' चल रहा था जिसे जानकर बड़े-बड़े अधिकारियों का भी सिर चकरा गया.

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शिक्षा विभाग में 'बैक डेट' का महाघोटाला- फोटो : reporter

Motihari: शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार मामला बेंच-डेस्क या बोरिंग घोटाले से भी बढ़कर है! अरेराज प्रखंड शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार का ऐसा 'खेल' चल रहा था जिसे जानकर बड़े-बड़े अधिकारियों का भी सिर चकरा गया. अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) अरुण कुमार की औचक जाँच में न सिर्फ भारी अनियमितताएँ मिलीं, बल्कि कैश बुक में 8 महीने पुराने 'बैक डेट' से एंट्री का चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है.

एक दिसंबर 2024 को प्रमाणित कैश बुक में 1 अप्रैल 2024 से ही खर्च की प्रविष्टियाँ दर्ज पाई गईं. इतना ही नहीं, 9 फरवरी के बाद से कैश बुक में कोई एंट्री ही नहीं थी. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि शिक्षकों के वेतन से संबंधित एक कैश बुक 16 फरवरी 2011 को बीईओ द्वारा प्रमाणित किया गया था, जबकि उसमें 30 अगस्त 2007 से ही प्रविष्टियाँ दर्ज थीं!

जाँच के दौरान एमडीएम के सभी कागजात एमडीएम बीआरपी के घर पर होने की बात बताई गई, और खर्च किए गए बिल-वाउचर (अभिश्रव) के बारे में कार्यालय कर्मियों ने बताया कि तत्कालीन बीईओ उन्हें अपने साथ घर ले गए थे. कार्यालय में कर्मियों की कोई उपस्थिति पंजी भी उपलब्ध नहीं पाई गई. एसडीओ की जाँच में यह भी खुलासा हुआ कि बैक डेट में पत्र जारी करने और भेजने के लिए कार्यालय के पत्र आवक-जावक रजिस्टर में खाली जगह छोड़ी गई थी.

एसडीओ अरुण कुमार ने इन गंभीर अनियमितताओं को लेकर अरेराज बीईओ सह बीपीआरओ से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण माँगा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर कड़ी कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी को मामला भेजा जाएगा. एसडीओ की इस त्वरित कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है, और उम्मीद की जा रही है कि इस 'बैक डेट' घोटाले में कई और परतें खुल सकती हैं.

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार