Bihar Teacher News:तीन फर्जी शिक्षक बर्खास्त, सालों तक लूटी तंख्वाह ,अब होगी वसूली और केस, एसीएस डॉ सिद्धार्थ का बडा एक्शन

Bihar Teacher News: शिक्षा के मंदिर में बैठे थे धोखेबाज और वो भी शिक्षक के वेश में! जब सच्चाई सामने आई, तो न केवल सेवा से मुक्त किए गए बल्कि मुकदमे की तलवार भी उनके सिर लटक रही है।..

Bihar Teacher News
तीन फर्जी शिक्षक बर्खास्त- फोटो : Meta

Bihar Teacher News: शिक्षा के मंदिर में बैठे थे धोखेबाज़ और वो भी शिक्षक के वेश में!बिहार के भागलपुर जिले के गोराडीह प्रखंड में शिक्षा विभाग ने एक ऐसी कार्रवाई की है, जिसने पूरे तंत्र की पोल खोल दी। जहां गुरुओं को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, वहां तीन फर्जी गुरुओं ने सालों तक वेतन की मलाई खाई और अब जब सच्चाई सामने आई, तो न केवल सेवा से मुक्त किए गए बल्कि मुकदमे की तलवार भी उनके सिर लटक रही है।अगरपुर पंचायत की शिक्षा समिति ने जिन तीन शिक्षकों को सेवा मुक्त किया है, उनमें शामिल हैं:बबीता कुमारी (प्राथमिक विद्यालय गोहारियो),नित्यानंद सिंह (प्राथमिक विद्यालय गोहारियो),चंद्रजीत कुमार (प्राथमिक विद्यालय धूरिया)। इन तीनों ने 2014 से अब तक न सिर्फ नकली दस्तावेज़ों के सहारे बहाली पाई, बल्कि पूरे दशक तक सरकार से वेतन भी उठाया। यानी "सिर्फ क्लास नहीं पढ़ाई, खज़ाना भी साफ कर लिया! अब शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पैसा वसूली के साथ मुकदमे का आदेश जारी किया है।

गोराडीह की ही कोमल कुमारी नामक एक महिला ने इन सभी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए परिवाद दर्ज कराया। जिला पदाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का जिम्मा एडीएम (आपदा प्रबंधन) को सौंपा, जिनकी रिपोर्ट में तीनों आरोपी दोषी पाए गए।इसके बाद शिक्षा विभाग की डीपीओ स्थापना शाखा ने 29 सितंबर 2024 को स्पष्ट पत्र जारी कर दिया, कि तीनों शिक्षक नियमित प्रक्रिया से नियुक्त नहीं हुए थे, और उनकी सेवा रद्द की जाए।

फिर पंचायत सचिव और मुखिया ने 31 जुलाई 2025 को एक संयुक्त बैठक की, जिसमें आदेशानुसार तीनों शिक्षकों को सेवा मुक्त करने का निर्णय लिया गया।यह मामला उस हकीकत की नुमाइश है, जिसमें सालों तक "नकली दस्तावेज़" असली नौकरी निभाते रहे और सरकारी आंखों को कुछ नजर नहीं आया।

इन तीनों शिक्षकों से 15 दिसंबर 2014 से लेकर अब तक ली गई सारी तनख्वाह वसूली जाएगी। इसके लिए सर्टिफिकेट केस दायर होगा। यानी जो अब तक सरकार से पगार पा रहे थे, वही अब सरकार को चुकाएंगे और कहानी यहीं खत्म नहीं होती—इन पर फर्ज़ीवाड़े और सरकारी राशि की धोखाधड़ी को लेकर मुकदमा भी चलेगा। शिक्षा मंदिर के इन नकली पुजारियों के लिए अब अदालत ही पाठशाला होगी।

वर्तमान डीपीओ स्थापना बबीता कुमारी ने खुद को मामले से अलग बताते हुए कहा कि ये मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है। पूर्व डीपीओ ने ही पंचायत को पत्र भेजा था और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था।

बहरहाल जहाँ तालीम के कंधों पर समाज की बुनियाद टिकी होती है, वहाँ जब गुरू ही 'नकली' निकल जाएं, तो नजारे अफसोसनाक और फैसले लाजवाब होने ही चाहिए!