महागठबंधन में मचा घमासान, सीट बंटवारे पर तनातनी, तेजस्वी की दो-टूक से बैकफुट पर कांग्रेस

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे पर खींचतान तेज हो गई है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच तकरार की गूंज अब साफ सुनाई देने लगी है।...

Grand Alliance rift Seat sharing clash
तेजस्वी की दो-टूक से बैकफुट पर कांग्रेस - फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही सियासी माहौल गरमा चुका है। सियासत की बिसात पर हर मोहरे की चाल अब चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए बिछाई जा रही है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे पर खींचतान तेज हो गई है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच तकरार की गूंज अब साफ सुनाई देने लगी है।

तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने कांग्रेस को सख़्त लहजे में दो-टूक कह दिया है कि "जिताऊ-हराऊ सीटों का फ़ॉर्मूला हमें मंज़ूर नहीं।" सूत्र बताते हैं कि आरजेडी कांग्रेस को पिछली बार से भी कम सीटें देने के मूड में है। दरअसल, इस बार समीकरण नए हैं—मुकेश सहनी, पशुपति पारस और हेमंत सोरेन की एंट्री ने महागठबंधन के अरमानों में नई पेचीदगियाँ खड़ी कर दी हैं। नतीजा यह है कि कांग्रेस को मजबूरी में झटका सहना पड़ सकता है।

आरजेडी का तर्क है कि कांग्रेस के खाते में सीटों का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ने के बावजूद कांग्रेस केवल 19 पर जीत दर्ज कर पाई थी। हालांकि कांग्रेस की दलील है कि 8 सीटों पर उसकी हार बहुत मामूली अंतर से हुई थी और कुल मिलाकर 27 सीटों पर प्रदर्शन मज़बूत रहा। इसी आधार पर कांग्रेस की मांग है कि इस बार उन्हीं सीटों पर उसे मौका दिया जाए ताकि कार्यकर्ता का जोश बरकरार रहे।

राहुल गांधी की हालिया "वोटर अधिकार यात्रा" के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास और बढ़ा है। पार्टी का मानना है कि इस यात्रा से कार्यकर्ताओं में जो उत्साह आया है, वह चुनावी नतीजों में तब्दील होगा। लेकिन तेजस्वी यादव का साफ संदेश है कि "सियासत में भावनाओं से ज़्यादा समीकरण काम करते हैं।" यही कारण है कि आरजेडी कांग्रेस की सीटों में कटौती करने पर अडिग है और बेहतर स्ट्राइक रेट वाले लेफ्ट दलों को तरजीह देने पर विचार कर रही है।

कुल मिलाकर, महागठबंधन की राजनीति इस समय गहरी खाई में खड़ी है। कांग्रेस अपनी राजनीतिक हैसियत बचाने की जद्दोजहद कर रही है, तो आरजेडी समीकरण साधने की तिकड़म में जुटी है। सीट बंटवारे की यह खींचतान चुनाव से पहले गठबंधन की एकजुटता की असल परीक्षा साबित होगी।