Bihar Teacher News: हेडमास्टर का 'पुस्तक प्रलय', कोसी नदी में डूबी बच्चों की पढ़ाई, गबन और गड़बड़ी का खुला पिटारा, क्या करेंगे एसीएस सिद्दार्थ
Bihar Teacher News:बिहार के मध्य विद्यालय कुंदह में एक ऐसा तमाशा हुआ, जिसने शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया।,,,

Bihar Teacher News:बिहार के मध्य विद्यालय कुंदह में एक ऐसा तमाशा हुआ, जिसने शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया। स्कूल के हेडमास्टर सुरेश कुमार ने वित्तीय वर्ष 24-25 की सरकारी पाठ्यपुस्तकों को कोसी नदी में "प्रवाहित" कर दिया, मानो किताबें नहीं, कोई पुरानी रद्दी हो! यह हरकत इतनी संगीन थी कि विभाग ने तुरंत एक्शन मोड में आते हुए जांच शुरू कर दी। अब हेडमास्टर साहब पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, सरकारी संपत्ति को ठिकाने लगाने, और गबन जैसे गंभीर आरोपों में जलई थाने में मुकदमा दर्ज हो चुका है।
किताबें नदी में, भ्रष्टाचार सतह पर
घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ सह बीईओ सुशील कुमार ने स्कूल में छापा मारा। जांच में जो खुलासा हुआ, वह किसी सस्पेंस थ्रिलर से कम नहीं। हेडमास्टर सुरेश कुमार ने बेशर्मी से कबूल किया कि "कमरे की कमी" के चलते उन्होंने किताबों को कोसी नदी में बहा दिया। अरे भाई, कमरा नहीं था तो गोदाम में रख लेते, या दान कर देते, नदी में बहाने की क्या जरूरत थी? लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। स्कूल में मौजूद सैकड़ों अभिभावकों ने हेडमास्टर पर मिड-डे मील में भी गड़बड़ी का इल्ज़ाम लगाया। मतलब, बच्चों की पढ़ाई और पेट, दोनों पर डाका!
गबन, मनमानापन, और दायित्व का मज़ाक
बीडीओ की जांच में हेडमास्टर पर आरोपों की बौछार हो गई। सरकारी संपत्ति को जानबूझकर नष्ट करना, स्वेच्छाचारिता, पदीय दायित्व का दुरुपयोग, और सरकारी राशि का गबन—इन सबके लिए सुरेश कुमार को जिम्मेदार ठहराया गया। इतना ही नहीं, पिछले शैक्षणिक वर्ष का नामांकन और पुस्तक वितरण का प्रतिवेदन भी हेडमास्टर ने अपने हस्ताक्षर के साथ जमा किया था, जो अब उनके गले की फांस बन गया है। लगता है, हेडमास्टर साहब ने सोचा था कि नदी में किताबें बहाकर सारा हिसाब-किताब धो देंगे, लेकिन कानून की नज़र से बचना इतना आसान नहीं!
हमारे बच्चों का भविष्य नहीं बहेगा!"
जांच के दौरान स्कूल में मौजूद सैकड़ों ग्रामीणों, खासकर महिलाओं ने हेडमास्टर के खिलाफ जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि किताबें बहाने के साथ-साथ मिड-डे मील में भी हेराफेरी की जा रही थी। एक अभिभावक ने गुस्से में कहा, "हमारे बच्चों की पढ़ाई और खाना, दोनों को ये हेडमास्टर खा गया!" ग्रामीणों की नाराज़गी देखकर साफ है कि मामला अब सिर्फ किताबों का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाने वाला बन गया है।
जलई थाने में केस दर्ज
बीडीओ सह बीईओ के आवेदन के आधार पर जलई थाने की अध्यक्ष ममता कुमारी ने तुरंत केस दर्ज कर लिया। ममता कुमारी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रेतर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब देखना यह है कि हेडमास्टर साहब की यह "नदी यात्रा" उन्हें कहां तक ले जाती है—जेल की सलाखों तक, या कोई और नया बहाना लेकर फिर सामने आते हैं?
शिक्षा पर सवाल, सिस्टम पर दाग
यह घटना सिर्फ एक हेडमास्टर की करतूत नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग के ढीले-ढाले रवैये पर भी सवाल उठाती है। आखिर कैसे एक हेडमास्टर इतनी बड़ी हिमाकत कर गया, और किसी को भनक तक नहीं लगी? क्या स्कूलों की निगरानी सिर्फ कागजों तक सीमित है? कोसी नदी में डूबी किताबें अब बच्चों के भविष्य को डुबाने की साजिश का प्रतीक बन गई हैं। विभाग को चाहिए कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर एक मिसाल कायम करे, ताकि भविष्य में कोई और हेडमास्टर ऐसी "नदी यात्रा" की हिम्मत न करे।