Bihar Education:बिहार के युवाओं के लिए नया आसमान, 555 प्लस-टू विद्यालयों में शुरू होंगे वोकेशनल कोर्स, शिक्षा के साथ रोजगार का संगम
Bihar Education:बिहार की शिक्षा प्रणाली में एक नवाचारपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने 555 प्लस-टू विद्यालयों में व्यावसायिक (वोकेशनल) कोर्स शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की है।

Bihar Education:बिहार की शिक्षा प्रणाली में एक नवाचारपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने 555 प्लस-टू विद्यालयों में व्यावसायिक (वोकेशनल) कोर्स शुरू करने की स्वीकृति प्रदान की है। यह पहल शिक्षा विभाग और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के सहयोग से की जा रही है, जिसका उद्देश्य है — कौशल आधारित शिक्षा के ज़रिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना।
अब तक राज्य के 175 विद्यालयों में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण की पढ़ाई होती थी, लेकिन इस नई योजना के तहत 13 विभिन्न ट्रेडों में शिक्षा दी जाएगी, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, रिटेल, ऑटोमोबाइल, हेल्थ केयर, आईटी इत्यादि प्रमुख हैं। प्रत्येक ट्रेड में 25 सीटों की व्यवस्था की गई है और प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो ट्रेड ही पढ़ाए जाएंगे। यह सीमित संरचना इस बात को सुनिश्चित करेगी कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।
शिक्षा के इस नए अध्याय के साथ-साथ इन विद्यालयों में आधुनिक प्रयोगशालाओं (लैब्स) की भी स्थापना की जा रही है। एक-एक विद्यालय में आठ लाख रुपये की लागत से लैब्स का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें विषयानुसार उपकरण और प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इस पूरी परियोजना पर सरकार द्वारा 44 करोड़ 40 लाख रुपये की मंज़ूरी दी गई है, जो बिहार के शिक्षा जगत में एक ऐतिहासिक निवेश के रूप में देखा जा रहा है।
यह पहल सिर्फ़ शिक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य है — छात्रों को व्यावहारिक और बाज़ारोपयोगी कौशल प्रदान करना ताकि वे शिक्षा के बाद स्वरोज़गार या नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकें। यह रणनीति बिहार जैसे राज्य में, जहाँ रोज़गार की समस्या एक अहम चुनौती रही है, एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।
इस सुदृढ़ योजना से यह स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार अब पुस्तक आधारित शिक्षा से आगे बढ़कर कौशल-आधारित, रोज़गार उन्मुख शिक्षा की ओर अग्रसर है। यह निर्णय प्रदेश के हज़ारों विद्यार्थियों के लिए रौशनी की एक किरण साबित हो सकता है, जो शिक्षा के साथ-साथ रोज़गार की भी आस लगाए बैठे हैं।बिहार का यह क़दम एक स्पष्ट संदेश देता है कि अब शिक्षा केवल डिग्री नहीं, रोज़गार का जरिया भी बनेगी।