Anant Singh: बेऊर जेल में मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह बने सामान्य कैदी , न विशेष सुविधा, न सेवादार, जानिए कैसे कटी रात
Anant Singh: दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की जेल ज़िंदगी अब पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। कभी ‘मोकामा के बाहुबली’ के नाम से चर्चित अनंत सिंह अब बेऊर जेल में आम कैदियों की तरह रह रहे हैं।
                            Anant Singh: दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह की जेल ज़िंदगी अब पूरी तरह सामान्य हो चुकी है। कभी ‘मोकामा के बाहुबली’ के नाम से चर्चित अनंत सिंह अब बेऊर जेल में आम कैदियों की तरह रह रहे हैं। जेल प्रशासन ने साफ़ किया है कि वे उच्च श्रेणी के कैदी नहीं हैं, इसलिए उन्हें कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी न अलग कमरा, न विशेष भोजन, न सेवादार।
हत्या केस में गिरफ्तारी, बेऊर जेल में भेजे गए तीनों आरोपी
शनिवार की रात तारतर गांव में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड में पुलिस ने अनंत सिंह के साथ उनके दो समर्थकों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को गिरफ्तार किया था। रविवार को तीनों को अदालत में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया।
पहली रात शांतिपूर्ण “न कोई हंगामा, न कोई शिकायत”
जेल सूत्रों के मुताबिक रविवार की रात अनंत सिंह ने जेल का खाना खाया और सामान्य रूप से सोए। सोमवार सुबह उनकी मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें ब्लड प्रेशर और शुगर स्तर सामान्य पाया गया। इसके बाद उन्हें सुबह चाय, और दोपहर में जेल का नियमित खाना दिया गया।
विशेष सुरक्षा वार्ड में, पर सुविधाओं से दूर
अनंत सिंह और उनके दोनों समर्थकों को विशेष सुरक्षा वार्ड में रखा गया है ताकि जेल के भीतर किसी भी संभावित टकराव या अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। हालांकि यह वार्ड सिर्फ़ सुरक्षा कारणों से अलग है, सुविधाओं के लिहाज़ से नहीं।जेल मैनुअल के अनुसार, सामान्य कैदी से हफ़्ते में केवल एक दिन मुलाक़ात की जा सकती है। पहले दिन उनसे कोई भी मुलाक़ात के लिए नहीं पहुंचा।
बेऊर जेल प्रशासन का सख़्त रुख़
जेल अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अनंत सिंह को कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। जेल में उनका हर नियम वैसा ही रहेगा जैसा किसी दूसरे कैदी के लिए होता है।बेऊर जेल में यह मामला फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है जहाँ कभी अपने रसूख और बाहुबली छवि के लिए चर्चित रहे अनंत सिंह अब सामान्य कैदी की तरह दिन बिता रहे हैं।अब सबकी निगाहें अदालत की अगली तारीख़ पर हैं जब तय होगा कि ‘मोकामा के मानेसर’ की सियासी पारी यहीं ठहरेगी या फिर बाहर आने का रास्ता खुलेगा।