Bihar Politics:बिहार की सियासत में चिराग का दांव , ‘नव संकल्प महासभा’ से गरमाया सियासी माहौल
Bihar Politics: लोक जनशक्ति पार्टी (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने चुनावी अभियान का आगाज आरा से कर दिया है....

Bihar Politics:बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, और सियासी सरगर्मी धीरे-धीरे अपने चरम की ओर बढ़ रही है। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने चुनावी अभियान का आगाज भोजपुर जिले के आरा से कर दिया है। 8 जून 2025 को आरा के बाबू वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में आयोजित होने वाली ‘नव संकल्प महासभा’ को लेकर राजनीतिक हलकों में उत्साह और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इस सभा को न केवल लोजपा (रामविलास) की ताकत के प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह चिराग पासवान की चुनावी रणनीति और उनकी संभावित उम्मीदवारी का भी एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
विशाल आयोजन, लाखों समर्थकों की उम्मीद
‘नव संकल्प महासभा’ के लिए आरा के बाबू वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में भव्य तैयारियां की गई हैं। 100 बाय 300 फीट का विशाल पंडाल तैयार किया गया है, जिसमें लाखों लोगों के जुटने की संभावना जताई जा रही है। भीषण गर्मी को देखते हुए आयोजकों ने हवादार पंडाल, पीने के पानी की विशेष व्यवस्था, और कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के लिए पर्याप्त बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। यह आयोजन न केवल लोजपा (रामविलास) की संगठनात्मक ताकत को दर्शाएगा, बल्कि शाहाबाद और मगध क्षेत्र के सात जिलों की 33 विधानसभा सीटों पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा भी है।लोजपा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों को सभा में शामिल होने का निमंत्रण देना शुरू कर दिया है, जिससे स्थानीय स्तर पर उत्साह और समर्थन का माहौल बन रहा है। पार्टी नेताओं का दावा है कि यह सभा बिहार की सियासत में एक ऐतिहासिक जनआंदोलन की शुरुआत होगी, जो ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नारे को और मजबूती देगा।
चिराग पासवान का संबोधन
इस सभा को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत माना जा रहा है। चिराग के संबोधन में उनकी पार्टी की नीतियां, बिहार के विकास का रोडमैप, और एनडीए गठबंधन के तहत उनकी भूमिका जैसे मुद्दों पर स्पष्टता की उम्मीद है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से भोजपुर और आसपास के जिलों में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। लोजपा के बिहार प्रदेश प्रभारी और सांसद अरुण भारती ने कहा, “चिराग पासवान बिहार की जनता से आशीर्वाद चाहते हैं ताकि वे प्रदेश की जिम्मेदारी बखूबी निभा सकें। यह सभा बिहार के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है।”
आरा या संदेश सीट से चिराग की उम्मीदवारी की चर्चा
चिराग पासवान ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में किसी सामान्य (अनारक्षित) सीट से मैदान में उतरेंगे। इस घोषणा के बाद से ही भोजपुर जिले की आरा और संदेश विधानसभा सीटों पर उनकी संभावित उम्मीदवारी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। शाहाबाद क्षेत्र, जिसमें भोजपुर, कैमूर, रोहतास, और बक्सर जिले शामिल हैं, लोजपा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं में चिराग की उम्मीदवारी को लेकर जबरदस्त उत्साह है। कई कार्यकर्ताओं का मानना है कि चिराग की साफ-सुथरी छवि, युवा अपील, और ‘बिहार फर्स्ट’ का नारा उन्हें इस क्षेत्र में एक मजबूत दावेदार बनाता है। एक कार्यकर्ता ने कहा, “अगर चिराग पासवान आरा या संदेश से चुनाव लड़ते हैं, तो यह सीट लोजपा के लिए सुनिश्चित जीत होगी। उनका नेतृत्व शाहाबाद में नई ऊर्जा लाएगा।”
हालांकि, चिराग ने अभी तक अपनी उम्मीदवारी की सीट को लेकर अंतिम फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा, “किस सीट से मैं चुनाव लडूंगा, इस पर चर्चा जारी है, और अंतिम निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड लेगा। मेरा उद्देश्य अपनी पार्टी और एनडीए गठबंधन को मजबूत करना है।”
शाहाबाद में क्यों है चिराग की नजर?
शाहाबाद क्षेत्र, जो कभी एनडीए का गढ़ माना जाता था, 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के पक्ष में चला गया था। 22 सीटों वाले इस क्षेत्र में एनडीए को केवल दो सीटें मिली थीं, और चिराग पासवान की तत्कालीन रणनीति को इसका एक प्रमुख कारण माना गया था। इस बार चिराग शाहाबाद में अपनी सक्रियता के जरिए न केवल पुराने नुकसान की भरपाई करना चाहते हैं, बल्कि इस क्षेत्र को फिर से एनडीए का मजबूत गढ़ बनाना चाहते हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसने चिराग को बिहार की सियासत में एक ‘एक्स-फैक्टर’ के रूप में स्थापित किया है। अब ‘नव संकल्प महासभा’ के जरिए वे शाहाबाद और मगध के 33 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
एनडीए में चिराग की भूमिका और रणनीति
चिराग पासवान ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन का हिस्सा है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, “बिहार में एनडीए का गठबंधन मजबूत है। हम 225 से अधिक सीटें जीतकर फिर से सरकार बनाएंगे, और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे।”
हालांकि, चिराग की बढ़ती सक्रियता और उनकी संभावित उम्मीदवारी ने एनडीए के भीतर और विपक्षी महागठबंधन में कई सवाल खड़े किए हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि चिराग बिहार की सियासत में।लोजपा ने एनडीए में सम्मानजनक सीट शेयरिंग की मांग की है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, चिराग कम से कम 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं। यह मांग बीजेपी और जेडी(यू) के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि गठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी अंतिम रूप नहीं ले पाया है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और चुनौतियां
चिराग की ‘नव संकल्प महासभा’ ने विपक्षी महागठबंधन, खासकर राजद, को सतर्क कर दिया है। राजद सांसद मीसा भारती ने चिराग को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें पहले केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देकर सामान्य सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। महागठबंधन के नेता चिराग की रणनीति को एनडीए के भीतर दबाव की रणनीति के रूप में देख रहे हैं।वहीं, चिराग की साफ-सुथरी छवि और पासवान समुदाय (5.3% आबादी) के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग और शहरी मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता महागठबंधन के लिए चुनौती बन सकती है।
बिहार की सियासत में चिराग का दांव
‘नव संकल्प महासभा’ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए लोजपा (रामविलास) का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सभा न केवल चिराग पासवान की चुनावी रणनीति का आगाज है, बल्कि उनकी सियासी महत्वाकांक्षा और बिहार की सियासत में एक बड़े नेता के रूप में उभरने की कोशिश का भी प्रतीक है।आरा की इस सभा के जरिए चिराग न केवल शाहाबाद क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं, बल्कि पूरे बिहार में एक युवा, गतिशील, और सर्वसमावेशी नेता की छवि को और मजबूत करना चाहते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चिराग की यह रणनीति बिहार की सियासत में कितना रंग लाती है और क्या वे शाहाबाद को फिर से एनडीए का गढ़ बना पाते हैं।
रिपोर्ट- आशीष कुमार