Bihar Vidhansabha Election: बिहार में इतने चरणों में होगा बिहार विधानसभा चुनाव, इस दिन EC करेगा ऐलान, जानिए इलेक्शन से जुड़ी नई अपडेट
Bihar Vidhansabha Election: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज है। मतदान की उलटी गिनती शुरु हो गई है। नवरात्रि के बाद चुनाव का ऐलान होगा तो वहीं 2 चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

Bihar Vidhansabha Election: बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरु हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवरात्रि के बाद विधानसभा चुनाव का ऐलान होगा तो वहीं मतदान की बात करें तो मतदान 3 नहीं बल्कि 2 चरणों में हो सकते हैं। चुनाव में एनडीए गठबंधन और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। वहीं प्रशांत किशोर में एनडीए और महागठबंधन को टक्कर देने के लिए तैयार हैं।
25 से 30 फिर से नीतीश
इस बार चुनाव में एनडीए गठबंधन के नेता 25 से 30 फिर से नीतीश के नारे के साथ उतर रहे हैं। एनडीए नेताओं का दावा है कि एक बार फिर बिहार में नीतीश सरकार बनेगी। साथ ही एनडीए के नेता कार्यकर्ता चुनाव से पहले जनता के बीच जाकर सीएम नीतीश कुमार के बीस सालों के कामों को गिना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता महागठबंधन की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। विपक्षियों का कहना है कि बिहार बदलाव चाहता है और इस बार बिहार में सरकार बदलेगी। विपक्ष बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और “वोट चोरी” जैसे मुद्दों पर मोर्चा खोले हुए है।
जातीय सर्वेक्षण के बाद पहली बड़ी जंग
यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि यह 2023 में हुए जातीय सर्वेक्षण के बाद की पहली बड़ी राजनीतिक लड़ाई होगी। सर्वेक्षण में खुलासा हुआ था कि पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग मिलकर बिहार की 63% आबादी हैं। इनमें यादव 14% और ईबीसी 36% हैं। अनुसूचित जातियों की हिस्सेदारी 19%, सवर्ण 15% और मुस्लिम आबादी लगभग 17% है। जातीय समीकरणों के आधार पर नीतीश सरकार ने नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाकर 65% कर दी थी और ईडब्ल्यूएस का 10% कोटा भी बरकरार रखा। हालांकि पटना हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी, लेकिन इससे नीतीश की ओबीसी नेता वाली छवि और मजबूत हुई।
भाजपा की रणनीति
दिलचस्प यह है कि अप्रैल 2025 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जाति जनगणना का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया। लंबे समय तक इस मांग से दूर रही भाजपा अब इसे स्वीकार कर विपक्ष के हाथ से एक बड़ा मुद्दा खींचने में सफल रही। विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस कदम से ओबीसी वोटरों को साधने के साथ-साथ हिंदू एकजुटता की राजनीति को भी मजबूत करना चाहती है।
इस दिन होगा चुनाव का घोषणा
सूत्रों से मिल रही जानकारी अनुसार, चुनाव आयोग 30 सितंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन करेगा। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव की घोषणा संभव है। दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी तो वहीं 20 नवंबर तक चुनाव के परिणाम की घोषणा भी संभव है। वहीं बैठक में मतदाताओं को जागरूक कर मतदान केंद्र तक लाने के अभियान पर भी चर्चा हुई।