Bihar Politics: BJP विधायक को बगावत का मिला इनाम ! पार्टी के खिलाफ बयान देने के 3 हफ्ते बाद ही मिली अहम जिम्मेदारी, कहा था- मैं दलाली नहीं करता तो मुझे मंत्री नहीं बनाया
Bihar Politics: BJP विधायक को पार्टी ने उनके बगावती सुर का इनाम दे दिया है। पार्टी के खिलाफ बयान देने के 3 हफ्ते के बाद ही विधायक जी को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है। आइए जानते हैं पूरा माजरा क्या है...

Bihar Politics: BJP विधायक को पार्टी से बगावत करने का इनाम मिला है। बीजेपी विधायक ने 3 हफ्ते पहले ही ऐसा बयान दिया था जिससे खुब बवाल मचा था लेकिन बयान देने के तीन हफ्ते बाद ही उन्हें पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी गई। पार्टी ने उन्हें सत्तारूढ़ दल का सचेतक(राज्यमंत्री) बना दिया। हम बात कर रहे बिहपुर से बीजेपी विधायक ई.कुमार शैलेंद्र की। आइए हम आपको दोनों प्रकरण को विस्तार से समझाते हैं।
बनाए गए सत्तारूढ़ दल के सचेतक
दरअसल, बीते दिन बिहार विधानसभा सचिवालय के सचिव ख्याति सिंह द्वारा संसदीय कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजे गए। पत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से दो विधायकों— बिहपुर के ई. कुमार शैलेंद्र और खजौली के अरुणशंकर प्रसाद को सत्तारूढ़ दल के सचेतक के रूप में मनोनीत किए जाने की पुष्टि की गई। इस घोषणा के बाद भाजपा और एनडीए गठबंधन के नेताओं ने दोनों विधायकों को शुभकामनाएं दीं।
बीजेपी विधायक को मिला बगावत का इनाम !
अब थोड़ा पीछ चलते हैं और आपको बताते हैं कि आखिरी बीजेपी विधायक ने पार्टी से कौन सी बगावत थी। दरअसल, बात तब की है जब सीएम नीतीश के मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था। 26 फरवरी को नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ। दिलीप जायसवाल के इस्तीफा देने के बाद भाजपा कोटे से 7 नए मंत्री बनाए गए। नीतीश कैबिनेट के विस्तार के तुरंत बाद बिहपुर विधानसभा से भाजपा विधायक ई० कुमार शैलेंद्र ने बड़ा बयान दे दिया। ई. शैलेंद्र ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिलने पर भाजपा विधायक का दर्द छलका और उन्होंने पार्टी पर बड़ा इल्जाम लगा दिया।
दलाली नहीं करता तो मंत्री पद नहीं मिला
दरअसल, नीतीश कैबिनेट के विस्तार के बाद नवगछिया में News4Nation संवाददाता अंजनी कुमार कश्यप से बातचीत के दौरान जब विधायक ई० कुमार शैलेंद्र अपनी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया था। जब उनसे पूछा गया था कि क्या उन्हें भी मंत्री पद को लेकर कोई कॉल आया, तो उन्होंने साफ शब्दों में अपनी नाराजगी और पीड़ा व्यक्त की था। उनका कहना था कि, "हम मंत्री पद के लिए नहीं दौड़ते। हम किसी के पीछे-पीछे नहीं घूमते, दलाली नहीं करते, इसीलिए हमें मंत्री नहीं बनाया गया। ई० कुमार शैलेंद्र ने आगे ये भी कहा था कि "मुझे इस जन्म में मंत्री नहीं बनाएंगे। लोग झूठ-मूठ का हल्ला मचाते हैं। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी प्राथमिकता केवल क्षेत्र का विकास है।
सचेतक पद से हटाने पर जताई थी नाराजगी
तब विधायक शैलेंद्र ने अपनी उपेक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पार्टी ने गोपाल मंडल को सचेतक पद से नवाजा, लेकिन उन्हें न केवल मंत्री पद से वंचित रखा, बल्कि सचेतक पद से भी हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि "भागलपुर प्रमंडल को इस मंत्रीमंडल विस्तार में पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। आखिर इसमें हमारी क्या गलती है?" वहीं अब पार्टी ने बीजेपी विधायक को इनाम दे दिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी विधायक को उनके बगावत का इनाम मिला है।
इस प्रकरण को जानने के लिए पढ़े ये खबर - https://news4nation.com/bihar/bhagalpur/bjp-mla-e-kumar-shailendra-expressed-his-pain-after-nitish-cabinet-expansion-289676
विधानसभा चुनाव में भाजपा नहीं करना चाहती गलती
मालूम हो कि यह चुनावी साल में बीजेपी कोई गलती नहीं करना चाहती है। बीजेपी की ओर से अपने पार्टी के नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं को मजबूती के साथ गोलबंध करने के लिए कई हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। बीजेपी अपने किसी भी विधायक को नाराज नहीं करना चाहती है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यहीं सबसे बड़ी वजह थी जिसके कारण बीजेपी ने अपने विधायक को बगावत का इनाम दिया। पार्टी ने बिहपुर विधायक को एक बार भी सत्तारूढ़ का सचेतक बना दिया है। बिहपुर विधायक को मंत्री पद नहीं मिला तो बीजेपी ने उन्हें राजमंत्री का पद दिया है।