चिराग पासवान को सांसदों ने दिया अधिकार, एनडीए में इन सीटों पर भाजपा लगाए मुहर अन्यथा... चिराग पासवान की मां से मिले नित्यानंद राय

चिराग की एनडीए की नाराजगी की चर्चा के बीच मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को चिराग पासवान के घर पहुंचकर उनकी माँ से मुलाकात की. वहीं चिराग को फैसला लेने के लिए लोजपा सांसदों ने बड़ा अधिकार दिया है.

Chirag Paswan
Chirag Paswan - फोटो : news4nation

Chirag Paswan : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति नहीं बन रही है. खासकर लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान ने अपने दल के लिए भाजपा और जदयू के सामने बड़ी शर्त लगा रखी है. इन सबके बीच गुरुवार को चिराग पासवान ने अपने दलों के सांसदों के साथ बैठक की. बैठक में चिराग को लेकर बड़ा फैसला लिया गया. चिराग के बहनोई और जमुई सांसद अरुण भारती और समस्तीपुर सांसद शाम्भवी चौधरी ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों और वरिष्ठ नेताओं ने चिराग पासवान को अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है. 


पार्टी नेताओं के अनुसार लोजपा (रा) के फ़िलहाल 5 सांसद हैं. ऐसे में कम से कम 30 विधानसभा सीट चिराग पासवान को मिलना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोजपा (रा) बाद में अपना अंतिम निर्णय लेगी. सूत्रों के अनुसार पार्टी ने अपनी शर्तों की जानकारी पहले ही भाजपा को दे दी है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो चिराग पासवान कुछ अलग राह पकड़ते नजर आ सकते हैं. 


नित्यानंद की पहल

चिराग की एनडीए की नाराजगी की चर्चा के बीच मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को चिराग पासवान के घर पहुंचकर उनकी माँ से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार भाजपा ने चिराग को मनाने की जिम्मेवारी राय को ही दी है. चिराग की नाराजगी संबंधी पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि चिराग पासवान नाराज नहीं हैं. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली स्थित उनके आवास पर पहुंचे, लेकिन वहां चिराग पासवान की मां रीना पासवान से उनकी मुलाकात हुई और वो लौट गए. पत्रकारों से नित्यानंद राय ने कहा कि चिराग पासवान के अभिभावक इस घर में हैं, वो उनका आशीर्वाद लेने आए थे.


137 सीटों पर लड़ी थी लोजपा

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा ने अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ा था. चिराग ने 137 सीटों पर उम्मीदवार उतारे. हालांकि उस दौरान सिर्फ 1 विधायक ही उनकी पार्टी से चुनाव जीतने में सफल रहा था. लेकिन बाद में राजकुमार सिंह ने जदयू का दामन थाम लिया. तब एक रणनीति के तहत लोजपा ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने जिन जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारा था उन सीटों पर प्रत्याशी उतारा था. इससे जदयू को बड़ा नुकसान हुआ और नीतीश की पार्टी सिर्फ 43 सीटो पर सिमट गयी. अब