Bihar NDA Seat Sharing: एनडीए में सीट शेयरिंग पर पेच! उपेंद्र कुशवाहा ने कहा-वार्ता अभी पूरी नहीं, बीजेपी ने लगभग फाइनल बताया

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गठबंधन में खलबली मचा दी।...

Bihar NDA Seat Sharing
: एनडीए में सीट शेयरिंग पर पेच!- फोटो : social Media

Bihar NDA Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग फॉर्मूला अभी तक अंतिम रूप नहीं ले पाया है। भाजपा के नेतृत्व में गठबंधन के अंदर यह मसला लगातार सियासी चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। शुक्रवार को भाजपा के बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि घटक दलों के बीच सीटों का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है और शनिवार शाम तक इसका ऐलान हो सकता है।

लेकिन शनिवार सुबह राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गठबंधन में खलबली मचा दी। उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया, “इधर-उधर की खबरों पर मत जाइए। वार्ता अभी पूरी नहीं हुई है। इंतजार कीजिए! मीडिया में कैसे खबर चल रही है, मुझको नहीं पता। अगर कोई खबर प्लांट कर रहा है तो यह छल है, धोखा है। आप लोग ऐसे ही सजग रहिए।”


इस बयान से साफ है कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी सहमति पूरी नहीं बनी है। सूत्रों के मुताबिक, अब तक की चर्चाओं में यह तय हुआ है कि भाजपा और जदयू मिलकर लगभग 200 से 203 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि बाकी की 40-42 सीटें अन्य सहयोगी दलों में बांटी जाएंगी।

संभावित वितरण के अनुसार, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 26 सीटें, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को 8 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 6 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा के ताज़ा बयान से यह स्पष्ट है कि आरएलएम अभी अपने हिस्से की सीटों और वार्ता के तरीके को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।

सियासी विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा ने एनडीए में सीट शेयरिंग फॉर्मूला लगभग फाइनल होने का संदेश देकर गठबंधन को एकजुट रखने की कोशिश की, लेकिन सहयोगी दलों की अपेक्षाओं और दावों के कारण अंतिम घोषणा में अभी देरी हो सकती है।

आज दिल्ली में भाजपा के प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि बैठक के बाद सीट शेयरिंग फॉर्मूला का ऐलान दिल्ली या पटना से किया जा सकता है। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के बयान ने साफ संकेत दे दिया है कि एनडीए के भीतर अभी भी राजनीतिक समीकरण और वार्ता का खेल जारी है।