Bihar Vidhansabha Chunav 2025: जदयू के 6 मौजूदा विधायकों की विदाई लगभग तय,एनडीए की खिचड़ी में मसाला डालते नीतीश! 110 सीटों पर ‘अपने उम्मीदवार’ तय कर चुके हैं सीएम

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: नीतीश कुमार इस बार सियासी शतरंज के मास्टर मूव में जुटे हैं।जदयू के 6 विधायकों का पत्ता साफ हो गया हैतो 18 नई सीटों पर मंथन भी पूरा हो गया है।

Bihar Vidhansabha Chunav 2025
जदयू के 6 मौजूदा विधायकों की विदाई लगभग तय- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की सियासत इन दिनों फिर गर्म है। एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर भले ही खींचतान और पेच फंसा हुआ हो, मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने तेवर और रणनीति दोनों से यह साफ कर दिया है कि वो किसी सियासी इंतज़ार के मूड में नहीं हैं।पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू सुप्रीमो ने लगभग 110 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है, और पहले चरण के कई नामों पर ‘हरी झंडी’ भी दे दी गई है।

वहीं, कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी भी तय मानी जा रही है।सूत्रों के मुताबिक, गोपालपुर से गोपाल मंडल, कुशेश्वरस्थान से अमन हजारी, हरिनारायण सिंह (हरनौत), सकरा से अशोक चौधरी, और सुरसंड से दिलीप राय  इनका टिकट कट चुका है।इनमें से कुछ नेताओं ने पार्टी छोड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है।डॉ. संजीव ने तो पहले ही आरजेडी ज्वाइन कर ली है।

 मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में तो नीतीश कुमार ने सभी सीटों पर फैसला खुद किया है।श्रवण कुमार का नालंदा से उतरना लगभग तय माना जा रहा है। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि 12 अक्टूबर के बाद कभी भी नामांकन हो सकता है।वहीं, हरिनारायण सिंह की जगह इस बार उनके बेटे को मौका देने की चर्चा ज़ोरों पर है। नौ बार के विधायक रह चुके हरिनारायण अब स्वास्थ्य कारणों से मैदान में नहीं उतरना चाहते।

नीतीश कुमार ने इस बार अपने भरोसेमंद मंत्रियों पर पूरा दांव लगाया है।सुपौल से बिजेंद्र यादव नौवीं बार नॉमिनेशन करेंगे, जबकि धमदाहा से लेसी सिंह, सराय रंजन से विजय चौधरी, और सोनबरसा से रत्नेश सदा फिर मैदान में उतरेंगे।शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, भवन निर्माण मंत्री जयंत राज, और कल्याणपुर से महेश्वर हजारी के नामों पर भी मुहर लग चुकी है।मदन सहनी (दरभंगा), सुमित सिंह (चकाई), और संतोष निराला (राजपुर) के नाम भी तय माने जा रहे हैं।

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा महनार से चुनाव लड़ेंगे।वहीं, बरबीघा से सुदर्शन कुमार, शिवहर से चेतन आनंद, और मोकामा से अनंत सिंह का भी टिकट फाइनल माना जा रहा है।ध्यान देने वाली बात यह है कि चेतन आनंद और अनंत सिंह पूर्व में राजद के टिकट पर चुनाव जीते थे, बाद में जेडीयू के साथ आए।

यह भी माना जा रहा है कि दूसरे दलों से आए कई नेता और कुछ पूर्व आईएएस अधिकारी इस बार जेडीयू के टिकट पर मैदान में दिख सकते हैं।कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक राम और उनके बेटे की टिकट की चर्चा तेज़ है, जबकि पूर्व आईएएस मनीष कुमार वर्मा को नालंदा जिले की किसी सीट से उतारने की तैयारी है।

नीतीश कुमार ने इस बार उम्मीदवार चयन में जातीय और सामाजिक संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि 100 से अधिक सीटों पर यह समीकरण तय कर लिया गया है, और कई सीटों पर नए व चौंकाने वाले चेहरे देखने को मिल सकते हैं।

हालांकि एनडीए के भीतर अभी भी सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान जारी है।चिराग पासवान की सिटिंग सीटों पर दावेदारी के चलते कई जेडीयू विधायकों की सांसें अटकी हुई हैं।

अब जब पहले चरण के नामांकन का काम आज से शुरु हो जाएगा तो सभी दलों की तरह जेडीयू भी अपनी बिसात बिछा चुकी है।नीतीश कुमार की रणनीति साफ है सीट शेयरिंग चाहे जब हो, तैयारी पहले हो।सूत्र बताते हैं कि जेडीयू के अधिकतर सिटिंग विधायक अपने क्षेत्र में प्रचार में जुटे हैं, लेकिन जिन्हें हरी झंडी नहीं मिली है, उनकी धड़कनें तेज़ हैं और चेहरे पर चिंता साफ झलक रही है।

नीतीश कुमार इस बार सियासी शतरंज के मास्टर मूव में जुटे हैं।एनडीए की डोर अपने हाथ में रखते हुए, उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि चाहे सीटों पर मोलभाव कितना भी लंबा खिंचे, जेडीयू की बिसात’ पहले से तैयार है  और मोहरे चल भी चुके हैं।