Bihar Vidhansabha Chunav 2025: एनडीए में सीट बंटवारे पर बनी सहमति, दिल्ली से पटना तक ‘डील’ पक्की! आज होगा बड़ा एलान, नीतीश चिराग में फिर दिखी नजदीकी, बीजेपी ने थामा कमान
हार की राजनीति में अब एनडीए की बिसात पूरी तरह बिछ चुकी है अब बस ऐलान बाकी है, और अगली चाल सीधे चुनावी मैदान में दिखाई देगी।...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। एनडीए गठबंधन में सीट शेयरिंग पर लंबी मशक्कत के बाद अब तस्वीर साफ़ होने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में एनडीए नेताओं की बैठक में सीटों के बंटवारे पर फाइनल सहमति बन चुकी है। आज यानी शनिवार को इसका औपचारिक एलान हो सकता है।
बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने सीट शेयरिंग की अगुवाई की है। सुबह 11 बजे पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के आवास पर बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक बुलाई गई है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी सीनियर नेता मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में टिकट वितरण पर भी गहन मंथन होगा।
सूत्रों के मुताबिक जेडीयू को इस बार 105 सीटें दी जा रही हैं। पार्टी के छह सिटिंग विधायकों के टिकट काटने का फैसला लगभग तय है। टिकट कटने के डर से दो विधायक पहले ही आरजेडी का दामन थाम चुके हैं। नीतीश कुमार ने अपने भरोसेमंद नेताओं के साथ बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की और हर सीट पर जीत की संभावना का आकलन कराया।
वहीं एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान की बीजेपी नेताओं से लगातार बैठकें जारी हैं। शुक्रवार को उनकी केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय से आधे घंटे की अहम मुलाकात हुई। बैठक के बाद चिराग पासवान ने कहा, "सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। जहां मेरे प्रधानमंत्री मोदी हैं, वहां मुझे अपने सम्मान की फिक्र नहीं करनी चाहिए।" उनके बयान से साफ है कि दिल्ली दरबार में एनडीए की ‘डील’ फाइनल हो चुकी है।
राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि ‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के नॉर्मल होने का इंतज़ार भी एनडीए कर रहा है, ताकि सभी दलों के बीच तालमेल के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तस्वीर बने।
इधर, शनिवार को ही समता पार्टी के दौर के नीतीश सहयोगी और जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार अपने बेटे ऋतुराज कुमार के साथ जेडीयू जॉइन करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं सिद्धांतवादी रहा हूं, चुनाव नहीं लड़ूंगा, पर मेरा बेटा पार्टी के टिकट पर जरूर मैदान में उतरेगा।"
कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति में अब एनडीए की बिसात पूरी तरह बिछ चुकी है अब बस ऐलान बाकी है, और अगली चाल सीधे चुनावी मैदान में दिखाई देगी।