Bihar Election 2025: भाजपा ने डरा-धमका कर जनसुराज के प्रत्याशियों का रोका ! पीके ने फोटो दिखाकर लगाया बड़ा आरोप

Bihar Election 2025: प्रशांत किशोर ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। पीके ने आरोप लगाया कि जनसुराज के उम्मीदवारों को डरा-धमका के नाम वापस लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा है, उन्होंने सबूत भी दिखाया है..पढ़िए आगे..

प्रशांत किशोर
पीके का बड़ा खुलासा - फोटो : social media

बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। अब चुनाव प्रचार का दौर जारी है। 6 और 11 नवंबर को पहले और दूसरे चरण का मतदान होना है। 243 विधानसभा सीटों के लिए एनडीए के 243, महागठबंधन के 254 तो वहीं जनसुराज के 240 प्रत्याशी मैदान में हैं। एनडीए और महागठबंधन में सीधी टक्कर मानी जा रही है तो वहीं जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर इन दोनों गठबंधन को कड़ी टक्कर देने को तैयार है। पीके का दावा है कि वो इस बार बिहार में अपनी सरकार बनाने में सफल होंगे। प्रशांत किशोर ने 243 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी लेकिन उनके 240 उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में है। तीन विधानसभा सीट दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर में जन सुराज के उम्मीदवार नहीं हैं। इस मामले में आज पीके ने बड़ा खुलासा किया है। 

प्रशांत किशोर का सबूत 

प्रशांत किशोर ने अपने तीनों उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के पीछे बीजेपी का हाथ बताया। प्रशांत किशोर ने एक एक कर सभी उम्मीदवारों की तस्वीर बीजेपी नेताओं के साथ जारी की। पीके ने पहले दानापुर उम्मीदवार की तस्वीर साझा की। लेकिन नामांकन के दिन जनसुराज के दानापुर प्रत्याशी अखिलेश सिंह मौके पर पहुंचे ही नहीं पीके बताया कि उस दिन उनके प्रत्याशी गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान के साथ थे। पीके ने कहा कि भाजपा के गृह मंत्री ने डरा धमका के जनसुराज के प्रत्याशी को पूरे दिन रखे रहें। 

पीके का खुलासा 

वहीं ब्रह्मपुर विधानसभा सीट का खुलासा करते हुए पीके ने कहा कि, ब्रह्मपुर से लोजपा(रा) के प्रत्याशी हुलास पांडे को जीताने के लिए चाल चली गई। पीके ने बताया कि जनसुराज के उम्मीदवार डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी पिछले तीन दिनों से वहां चुनाव प्रचार में लगे थे और आखिरी दिन अचानक नामांकन वापस ले लिए। पीके ने सबूत दिखते हुए तस्वीर जारी की जिसमें जनसुराज के उम्मीदवार बीजेपी के चुनाव प्रभारी धमेंद्र प्रधान के साथ बैठे हैं। पीके ने कहा कि डरा धमका कर इन से भी नामांकन वापस कराया गया। 

गोपालगंज के उम्मीदवार पर बनाया गया दवाब 

प्रशांत किशोर ने कहा कि ये सब कोई और नहीं बल्कि केंद्र सरकार के मंत्री कर रहे हैं। पीके ने गोपालगंज के उम्मीदवार डॉ. शशि शेखर सिन्हा की नामांकन वापस लेने के पीछे का खुलासा करते हुए कहा कि, रात 19 अक्टूबर को 8 बजे तक ये जनसुराज को जिताने के लिए प्रचार कर रहे थे। अचानक इनके घर बीजेपी के बड़े बड़े नेता पहुंचते हैं और दवाब बनाते हैं, डॉ. साहब ने फोन की बात की उन्होंने कहा कि उनपर दवाब बनाया जा रहा है लेकिन वो जनसुराज के साथ खड़े रहेंगे। वहीं नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन डॉ. साहब घर से निकले और नामांकन वापस ले लिया। जिसके बाद से उनका फोन बंद हैं। पीके ने कहा कि बीजेपी के लोग जनसुराज से डर गए हैं।  

दानापुर में नामांकन से पहले गायब हो गए थे पीके के प्रत्याशी 

जानकारी के मुताबिक, दानापुर सीट पर जन सुराज के उम्मीदवार अखिलेश कुमार को नामांकन दाखिल करना था, लेकिन नामांकन के अंतिम दिन वे अचानक लापता हो गए। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूरे दिन इंतजार करते रहे, पर वे नहीं पहुंचे। नामांकन समय सीमा समाप्त होने तक उम्मीदवार के संपर्क में न आने से अफवाहें फैलीं कि उन्हें अगवा किया गया है। नतीजतन, इस सीट पर जन सुराज का कोई भी प्रत्याशी नामांकन दाखिल नहीं कर सका।

गोपालगंज में उम्मीदवार ने नाम वापस लिया

गोपालगंज सदर सीट से पार्टी ने डॉ. शशि शेखर सिन्हा को उम्मीदवार घोषित किया था। उन्होंने नामांकन दाखिल तो किया लेकिन बाद में स्वास्थ्य कारणों और संगठनात्मक मतभेदों का हवाला देकर अपना नामांकन वापस ले लिया। इससे वह सीट भी खाली रह गई, जिस पर जन सुराज को मजबूत दावेदार माना जा रहा था।

ब्रह्मपुर में भी प्रत्याशी ने लिया नाम वापस

इसी तरह, बक्सर जिले की ब्रह्मपुर सीट पर भी जन सुराज की ओर से नाम तय होने के बाद उम्मीदवार ने नामांकन करने के बाद अपना पर्चा वापस ले लिया। जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने एनडीए पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि दबाव बनाकर उनके उम्मीदवारों का नामांकन वापल लिया जा रहा है। प्रशांत किशोर ने तस्वीरें जारी कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया।