Bihar News: मधेपुरा में जेडीयू की एंट्री से बढ़ा सियासी तापमान, प्रो. चंद्रशेखर को मिल रही कड़ी टक्कर, सियासत की जमीन पर क्या उगेगी बदलाव की फसल
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र की सियासी सरजमीं इन दिनों गरमाई हुई है। ...

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र की सियासी सरजमीं इन दिनों गरमाई हुई है। वर्षों से राजद के प्रो. चंद्रशेखर यादव यहां निर्विवाद रूप से प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं, लेकिन अब सियासी फिज़ाओं में परिवर्तन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। जेडीयू के संभावित उम्मीदवार निखिल मंडल ने जैसे ही चुनावी बिगुल बजाया, मधेपुरा की राजनीतिक फलक पर एक नई कहानी लिखी जाने लगी है।
निखिल मंडल ने अपने जनसंपर्क अभियान को जहां जमीनी स्तर पर मजबूती से आगे बढ़ाया है, वहीं सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अपने विचारों और इरादों को बुलंदी से पेश किया है। "15 साल का अंधेरा छटेगा, उजाला बिखरेगा"—यह नारा न केवल विरोध का स्वर है, बल्कि उम्मीदों का एलान भी है। "जय मधेपुरा" के उद्घोष के साथ उन्होंने जनता के दिलों को छूने की कोशिश की है।
निखिल मंडल का दावा है कि मधेपुरा की जनता अब बदलाव चाहती है। उनके अनुसार, विकास के नाम पर बीते पंद्रह वर्षों में क्षेत्र में अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी है। “अब मधेपुरा को एक नई सोच, नवीन ऊर्जा और ईमानदार नेतृत्व की दरकार है,” वे कहते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस बार पूरी ताक़त और जनसमर्थन के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर जेडीयू निखिल मंडल पर भरोसा करती है, तो यह मुकाबला रोचक और कांटे का हो सकता है। मधेपुरा की जनता एक ओर जहां पुराने अनुभव और स्थायित्व को देख रही है, वहीं दूसरी ओर बदलाव और नवोदय की संभावनाओं से भी प्रभावित दिख रही है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मधेपुरा का मिज़ाज किस ओर करवट लेता है—क्या फिर से प्रो. चंद्रशेखर यादव पर भरोसा जताया जाएगा, या निखिल मंडल के नेतृत्व में एक नए दौर की शुरुआत होगी? जनता की मौन स्वीकृति ही इस सियासी द्वंद्व का अंतिम फैसला करेगी।