महागठबंधन में लखीसराय और सूर्यगढ़ा में सीटों की अदलाबदली, विजय- प्रहलाद के खिलाफ नए चेहरों को उतार रहे तेजस्वी !

लखीसराय और सूर्यगढ़ा में एनडीए के उम्मीदवारों को हराने के लिए इस बार तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के साथ मिलकर नए किस्म की सियासी रणनीति तय की है.

 Lakhisarai -Suryagarha assembly seat
Lakhisarai -Suryagarha assembly seat- फोटो : news4nation

Bihar Election 2025 :  बिहार विधानसभा चुनाव में लखीसराय जिले की लखीसराय और सूर्यगढ़ा में सीटों को जीतने के लिए महागठबंधन ने सीटों की अदलाबदली का फार्मूला तय किया है. राज्य के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को पांचवीं बार विधानसभा चुनाव जीतने से रोकने के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कांग्रेस से अनोखा डील किया है. सूत्रों के अनुसार इसके तहत राजद को लखीसराय सीट और कांग्रेस को सूर्यगढ़ा सीट दिया गया है. इतना ही नहीं दोनों जगहों पर नए जातीय समीकरणों के साथ इस बार महागठबंधन के प्रत्याशी उतारे जाएंगे. 


लखीसराय में राजद 

विश्वत सूत्रों के अनुसार विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ वर्ष 2020 में कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारा था. लेकिन इस बार राजद के फुलेना सिंह उम्मीदवार हो सकते हैं. वर्ष 2005 में फुलेना सिंह ने विजय कुमार सिन्हा को चुनाव में हराया था. भूमिहार जाति से आने वाले फुलेना सिंह ने पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय किस्मत आजमाया था और 10,938 वोट लाने में सफल रहे थे. साथ ही एमएलसी चुनाव में रादज के अजय कुमार को चुनाव जिताने में फुलेना सिंह का अहम सहयोग माना गया था. लखीसराय में दमदार उपस्थिति रखने वाले फुलेना हाल के समय में राजद के लिए खूब सक्रिय दिखे हैं. अब पार्टी उन्हें विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ उतार सकती है. 


सूर्यगढ़ा में कांग्रेस के सुजीत 

लालू यादव के पुराने साथी रहे प्रहलाद यादव ने वर्ष 1995, 2000, 2005, 2015 और 2020 में सूर्यगढ़ा से जीत हासिल की. लेकिन पिछले वर्ष जब नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ चले गए तब प्रहलाद यादव भी राजद से बागी हो गए. अब प्रहलाद को सबक सिखाने के लिए तेजस्वी ने इस सीट पर नया समीकरण साधा है. सूत्रों के अनुसार इसी सप्ताह कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले लखीसराय से चुनाव लड़ चुके सुजीत कुमार अब सूर्यगढ़ा से प्रत्याशी होंगे. विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ सुजीत कुमार ने वर्ष 2015 और 2020 में चुनाव लड़ा था. दोनों बार क्रमशः 8112 और 11570 वोट लाने में सफल हुए थे. बाद में उनकी पत्नी ने बड़हिया नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा. केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के ख़ास माने जाने वाले सुजीत अब कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं. वहीं कुछ समय पूर्व ही ललन सिंह ने कहा था कि लखीसराय के आतंक को वे एनडीए के टिकट नहीं देंगे. उनका इशारा प्रहलाद यादव की ओर था. ऐसे में सुजीत को भीतर खाने ललन सिंह से मदद मिल सकती है जिससे वे प्रहलाद को हरा सकें. 


भूमिहार जाति से आने वाले सुजीत जातीय समीकरणों के हिसाब से सूर्यगढ़ा में सियासी चुनौती दे सकते हैं. उनका खुद भूमिहार होना और राजद के कोर वोट बैंक यादव का महागठबंधन को समर्थन करना तेजस्वी की प्रहलाद को मात देने की रणनीति का बड़ा हिस्सा माना जा रहा है. ऐसे में इस बार लखीसराय और सूर्यगढ़ा दोनों सीटों पर तेजस्वी का दांव बड़ा सियासी उलटफेर बन सकता है. 


कमलेश एवं रंजन की रिपोर्ट