Bihar Vidhansabha Chunav 2025: कांग्रेस विधायक के घर छापामारी से सियासत में भूचाल, आधी रात को पुलिस ने दी बेडरूम तक दस्तक

कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक के आवास परआधी रात हुई पुलिस छापामारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।....

 Midnight Raid at Congress MLA s Home
कांग्रेस विधायक के घर छापामारी से सियासत में भूचाल- फोटो : reporter

Bihar Vidhansabha Chunav 2025:कांग्रेस के विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी के घर पर पुलिस ने आधी रात को छापेमारी की है. यह कार्रवाई कथित तौर पर  एक फायरिंग की घटना के संबंध में की गई. इससे बिहार का सियासी तापमानबढ़ गया है।सासाराम के करगहर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक संतोष कुमार मिश्रा के आवास पर शनिवार की आधी रात हुई पुलिस छापामारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विधायक ने इस कार्रवाई को “राजनीति से प्रेरित साज़िश” बताया है और कहा कि यह उनके साख और जनसमर्थन को धूमिल करने की कोशिश है।

मिश्रा का कहना है कि उनके पूरा राजनीतिक जीवन बेदाग़ रहा है और उनके ऊपर कभी कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ। इसके बावजूद, चुनाव के ऐन वक्त पर पुलिस ने बिना किसी पूर्व सूचना के उनके बेडरूम से लेकर हर कमरे तक की तलाशी ली। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके साथ अनुचित व्यवहार किया और तलाशी अभियान के बाद भी कुछ भी आपत्तिजनक बरामद नहीं हुआ।

करगहर में आयोजित प्रेस वार्ता में विधायक मिश्रा ने कहा कि जब मैं चुनाव प्रचार से लौटकर खाना खा रहा था, तभी अचानक पुलिस मेरे घर में घुस आई। बिना कोई वारंट दिखाए तलाशी शुरू कर दी। यह सब मुझे मानसिक रूप से परेशान करने और मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने की चाल है।

विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि रोहतास पुलिस विपक्षी दलों के इशारे पर काम कर रही है, ताकि सत्ता के दबाव में उन्हें चुनावी दौड़ से कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अब तक यह भी नहीं बताया कि आखिर किस केस के तहत छापामारी की गई।

दूसरी ओर, पुलिस प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सासाराम में शनिवार को दो पक्षों में हुई फायरिंग की घटना के बाद इलाके में तकनीकी साक्षों के आधार पर पटवाडीह गांव में सर्च अभियान चलाया जा रहा था। उसी दौरान एक मकान की तलाशी ली गई, जिसमें विधायक मिश्रा मौजूद थे। पुलिस का कहना है कि यह सामान्य कार्रवाई थी, किसी व्यक्ति विशेष को टारगेट नहीं किया गया था।

लेकिन सियासी माहौल में यह कार्रवाई एक नई बहस को जन्म दे चुकी है कि क्या यह कानूनी जांच की प्रक्रिया थी या राजनीतिक प्रतिशोध की रणनीति?करगहर के लोगों में इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है—कुछ लोग इसे कानून का पालन मानते हैं, तो कुछ इसे “सत्ता की साजिश” बता रहे हैं।

विधायक ने कहा कि वे इस पूरे मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे और जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाज़ा भी खटखटाएंगे। मौजूदा माहौल में सासाराम से लेकर पटना तक यह चर्चा गर्म है कि क्या राजनीति में अब ‘छवि पर वार’ ही नया चुनावी हथियार बन चुका है?

रिपोर्ट- रंजन कुमार