बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

Entertainment News: आज भर ढ़ील द, ढ़ोड़ी तनी छिल द...सटाईं न सलेंसर ढ़ोड़ी में ध ली कैंसर.. ढोरी में 32 जीबी रैम बा...ढ़ोड़ी में चाय पीयब त सौ साल जीअब, भोजपुरी सिंगरों ने गाया ऐसा गाना की लोग हुए पानी-पानी

Entertainment News: आज भर ढ़ील द, ढ़ोड़ी तनी छिल द...सटाईं न सलेंसर ढ़ोड़ी में ध ली कैंसर.. ढोरी में 32 जीबी रैम बा...ढ़ोड़ी में चाय पीयब त सौ साल जीअब, भोजपुरी सिंगरों ने गाया ऐसा गाना की लोग हुए पानी-पानी

  • हाल ही में रिलीज़ हुए कुछ गानों ने सोशल मीडिया पर धूम मचाई है. इन गानों ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि सामाजिक संदेश भी दिया. भोजपुरी गाना को लेकर हमेशा से सवाल खड़ा होते रहा है. भोजपुरी में ढोड़ी पर खूब गाने गाए गए और पॉपुलर भी हुए . भोजपुरी में हर छोटे बड़े गायक ने ढोड़ी पर गाना गया है. नाभी को भोजपुरी में ढोड़ी कहते हैं. देवरा ढ़ोरी चटना बा...से लेकर देवरा ढ़ोड़िए के आशिक बा तक गाने गाए गए. सार्वजनिक वाहन से लेकर लोगों के मोबाइल तक में ऐसे फूहड़ गाने खूब बजे. ढ़ोरी वैसे भी गायकों की पहली पसंद है, क्योंकि ऐसे गाने बहुत जल्दी पॉपुलर हो जाते हैं. .
  • भोजपुरी के पावरस्टार पवन सिंह पवन सिंह ढोड़ी में कभी बियर डालते हैं. तो खेसारी लाल यादव ढोड़ी को पियरी माटी से मुंद देते हैं. खेसारी गाते हैं हम त ढ़ोड़ी मुदले रहीं पीयरी माटी से...कोई सिंगर ढ़ोरी को कुंआ बना देता है. तो कोई  ढोड़ी को कांटी से खोद देता है. कोई गायक गाता है कि आज भर ढ़ील द, ढ़ोड़ी तनी छिल द... फूहड़ता यहीं नहीं रुकती..अब जरा गौर कीजिए,,,कोई तो ढ़ोड़ी को तकनीक से भी जोड़ देता है, देखिए ना एक तो गाता है  ढोरी में 32 जीबी रैम बा...  

    ढोड़ी की महिमा यहीं नहीं रुकती है. बुलेट राजा तो यहां तक गाता है कि.. तोहरा ढ़ोरी के लोकेशन में बा पटना स्टेशन... भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह गाती हैं..भर जाता  ढोड़ी मोर पसीने से... अक्षरा तो खुद की ढोड़ी को पसीना से भर लेती हैं.  भोजपुरी के एक सिंगर ने तो कमाल कर दिया. वे गाते हैं..  ...  

    ढोड़ी में दूध भात खइब त जन्नत ने जइब. मान्यता जन्नत में जाने लिए ढ़ोड़ी में दूध भात तक खा रहे हैं.  ढोड़ी स्टार कहे जाने वाले सन्नी पाण्डेय कहता है कि ढोड़ी दूध के कटोरी तो एक बुलेट राजा ने तो बुखार की दवा को भी ढ़ोड़ी से जोड़ दिया वह गाता है...ढोड़ी चाट राजा जी बुखार न होई... बहरहाल ढ़ोड़ी भोजपुरी गायकों की भले हीं पहली पसंद हो लेकिन यह आम लोगों को असहज कर देता है. अब मकान भी भोजपुरी गायकों ने ढ़ोड़ी से ही बना दिया... ढ़ोड़ी के ढ़लाई बा सुनकर आम लोग खुद हीं शर्मिंदा हो जाते हैं. 

    एक गायक है अमित पटेल , उसने तो रोग का कारण हीं ढ़ोड़ी को हीं बता दिया... सटाईं न सलेंसर ढ़ोड़ी में ध ली कैंसर .. ये ऐसे भोजपुरी के गाने हैं जिन्हें परिवार के साथ सुनने में खुद व्यक्ति शर्मिदा हो जाए.  

    भोजपुरी गानों में अश्लीलता केवल एक मनोरंजन का साधन नहीं है; यह समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है. कई बार इन गानों में महिलाओं का असहज चित्रण किया जाता है, जिससे स्त्रीद्वेषी भाषा और जातिगत वर्चस्वता की बातें सामने आती हैं इसके अलावा, युवा पीढ़ी को ऐसे कंटेंट अधिक आकर्षित करते हैं जो फूहड़ होते हैं, जिससे भोजपुरी संस्कृति की समृद्धि को नुकसान पहुंच रहा है.भर जाला ढ़ोड़ी मोर पसीने से.. जैसे गाने आमतौर पर शादी-पार्टी जैसे आयोजनों में बजाए जाते हैं . समाज में इस तरह के गाने लोगों को असहज करते रहे हैं.

  •  रितिक कुमार की विशेष रिपोर्ट


Editor's Picks