Bobby deol Story: बॉबी देओल इन दिनों अपने ‘आश्रम सीजन 3 पार्ट 2’ और ‘एनिमल’ में अबरार के किरदार को लेकर खूब सुर्खियों में हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्मों में खतरनाक विलेन बनने वाले बॉबी बचपन में बहुत ही नाजों से पले-बढ़े थे? उनके पिता, दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, अपने बच्चों को लेकर बेहद प्रोटेक्टिव थे और उन्हें अकेले बाहर भी नहीं जाने देते थे। बॉबी देओल ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार जब उन्हें चोट लगी थी, तो धर्मेंद्र ने गुस्से में घर की नौकरानी को थप्पड़ मार दिया था।
धर्मेंद्र ने नौकरानी को क्यों मारा थप्पड़?
बॉबी देओल ने मैन्सवर्ल्ड को दिए इंटरव्यू में अपने बचपन के एक डरावने हादसे के बारे में बताया कि मेरी दादी, मां और बहन पापा की फिल्म देखने गए थे और मैं घर पर पापा और नौकरानी के साथ था। खेलते-खेलते मैं अचानक पहली मंजिल से सीढ़ियों से नीचे गिर गया।"धर्मेंद्र को जैसे ही रोने की आवाज सुनाई दी, वो भागते हुए आए।उन्होंने देखा कि चारों तरफ खून फैला हुआ था।गुस्से में उन्होंने नौकरानी को थप्पड़ मार दिया और तुरंत बॉबी को अस्पताल ले गए। धर्मेंद्र को डर था कि अगर बॉबी को कुछ हो गया तो उन्हें बचाने के लिए कोई नहीं होगा।
धर्मेंद्र के न होने पर सनी देओल रखते थे बॉबी का ध्यान
बॉबी ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि अगर पापा घर पर नहीं होते थे, तो सनी देओल उनका ध्यान रखते थे। जब मैं छोटा था, तो सनी भैया मुझे कहीं बाहर नहीं जाने देते थे। जब पापा-मम्मी घर पर नहीं होते थे, तो वही मेरा ध्यान रखते थे।"सनी देओल खुद भी पार्टी या बाहर घूमने नहीं जाते थे।उन्होंने बॉबी को भी घर पर ही रहने के लिए कहा करते थे। परिवार की सुरक्षा उनके लिए सबसे अहम थी।
धर्मेंद्र के प्रोटेक्टिव नेचर की मिसाल
धर्मेंद्र न सिर्फ बॉलीवुड के सबसे मजबूत एक्टर्स में से एक हैं, बल्कि एक जिम्मेदार पिता भी हैं। बॉबी देओल ने खुद माना कि उनके पिता हर स्थिति में अपने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते थे। पापा को हमेशा हमारी फिक्र रहती थी। वो हमें अकेले बाहर नहीं जाने देते थे, क्योंकि वो हमें किसी भी खतरे से बचाना चाहते थे।"
धर्मेंद्र की परवरिश ने बॉबी देओल को बनाया फैमिली मैन
बॉबी देओल आज चाहे कैसे भी किरदार निभाएं, लेकिन असल जिंदगी में वह अपने पिता धर्मेंद्र और भाई सनी देओल की तरह एक फैमिली मैन हैं। उनका बचपन भले ही सुरक्षा और अनुशासन के बीच बीता हो, लेकिन उसी परवरिश ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है।