Katihar: गंगा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और निचले इलाकों में पानी फैलने से कई प्रखंडों के दर्जनों पंचायत बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गए हैं.कटिहार के कुरसेला, बरारी, अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड के बाढ़ पीड़ित परिवारों को आपदा प्रबंधन विभाग के मानकों के अनुसार राहत नही मिलने से बाढ़ पीड़ित परेशान हैं
मनिहारी प्रखंड के तटवर्ती क्षेत्रों जैसे धुरीयाही, मनोहरपुर, दिलारपुर, दक्षिणी कांटाकोष, उत्तरी कंटकोष, बघार पंचायत आदि में बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित हो गया है।वही पंचायत समिति के सदस्य पशुपति यादव और लड्डू खान ने मनिहारी के अनुमंडल पदाधिकारी कुमार सिद्धार्थ से मिलकर राहत और बचाव कार्य शुरू करने की मांग की। एसडीएम ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर और सामुदायिक किचन जल्द शुरू किए जाएंगे।
दीयरा क्षेत्रों में फंसे लोगों को सूखा राशन और अन्य जरूरी सहायता दी जाएगी। फिलहाल तटबंधों की निगरानी के लिए अभियंताओं को तैनात किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल और नाव की व्यवस्था की गई है। पशुपालकों के लिए पशुचारे की भी व्यवस्था की जा रही है।
कटिहार जिले के अमदाबाद, बरारी और कुर्सेला प्रखंड के 57 सरकारी स्कूलों और करीब 100 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिस वजह से स्कूलों में पठन-पाठन कार्य बंद है। वहीं प्रभावित स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया है। लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं रहने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बारह हजार से अधिक बच्चे बाढ़ की वजह से अपने पढ़ाई से वंचित हैं। और इन सभी 57 विद्यालयों में मूल्यांकन परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।
इस मामले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि जिले के मनिहारी प्रखंड के 17, अमदाबाद प्रखंड के 14, बरारी प्रखंड के 15 और कुरसेला प्रखंड के 11 स्कूलों बाढ़ से प्रभावित है जिन्हें फिलहाल बंद कर दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ के बाद सभी स्कूलों में बच्चों को विशेष कक्षा का संचालन कर उनके छूटे हुए सिलेबस को पूरा किया जाएगा साथ ही जिन विद्यालयों में मूल्यांकन परीक्षा नहीं हुई है बाढ़ के बाद उन सभी विद्यालयों में मूल्यांकन परीक्षा भी कराया जाएगा.
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह