Bihar Land Survey: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जमीन सर्वे को सही तरीके से कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में सीएम नीतीश ने जमीन सर्वे को लेकर अपनी मंशा को साफ किया है। दरअसल, बीते दिन सीएम नीतीश ने विधि व्यवस्था को लेकर हाईलेवल मीटिंग की। इस मीटिंग में सीएम नीतीश ने बिहार के कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने बिहार में जमीन सर्वे को लेकर कहा है कि सर्वे के काम में तेजी लाने की जरुरत है।
सीएम नीतीश ने कहा कि 60 फीसदी से अधिक हत्याएं भूमि विवाद को लेकर होती है। लेकिन सर्वे शुरू होने के बाद इन घटनाओं में कमी आ रही है। उन्होंने कहा है उनके जानकारी अनुसार सर्वे शुरु होने के बाद इन घटनाओं की संख्या घटकर 46.69 फीसदी हो गई है। सीएम नीतीश ने कहा कि भूमि-सर्वेक्षण की काम में तेजी लाने की जरुरत है। सर्वे सही से और सही समय पर हो जाएगा तो भूमि विवाद को लेकर होने वाली घटनाओं में कमी आ जाएगी।
वहीं इस बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने सीएम नीतीश को बताया कि, भू-समाधान पोर्टल के माध्यम से भू-सर्वे में होने वाली कठिनाईयों का समाधान किया जा रहा है। हालांकि ताजा मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने भूमि सर्वे का काम तीन महिने के लिए टाल दिया है। जमीन सर्वे के दौरान कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं, जिनके कारण इसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
भूमि एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस सर्वेक्षण को टालने का मुख्य कारण उन रैयतों की चिंताएँ थीं जो राज्य से बाहर रह रहे थे। इन रैयतों को अपनी संपत्ति की स्थिति जानने और अपने अधिकारों की रक्षा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसके अलावा, मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता थी। यानी बिहार सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में जब भी जमीन सर्वे किया जाएगा, तब सभी संबंधित पक्षों को शामिल किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा या विवाद से बचा जा सके।