Bihar Land Survey: बिहार में सरकारी भूमि की अवैध जमाबंदी का मामला सामने आया है, जिसमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है। सीएम नीतीश ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद मामले की जांच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा शुरू की गई है। जांच में अंचल कर्मियों और पदाधिकारियों की मिलीभगत के संकेत मिले हैं, जिससे उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी अपर समाहर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे इस मामले की गहन जांच करें। इसमें सेवानिवृत्त और वर्तमान कर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है। यदि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का आदेश दिया गया है।
जांच पूरी होने के बाद, जो भी गलत तरीके से जमाबंदी हुई है, उसे रद्द किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसके नाम से जमाबंदी हुई थी और यह किस कार्यकाल में हुई थी। इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है।
समीक्षा के दौरान यह भी पाया गया कि अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारियों के स्तर पर जमाबंदी सत्यापन का कार्य लंबित रखा गया था। इसके अलावा, अभियान बसेरा-2 में भी अनियमितताओं का पता चला है, जिसमें सूची से बाहर के लोगों को पर्चा वितरित किया जा रहा था।