दुबई: जो अपनी भव्यता और आधुनिकता के लिए जाना जाता है, वहां काम करने वाले कई भारतीय मजदूरों की स्थिति चिंताजनक है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग, जो दुबई में काम करने के लिए आते हैं, उनकी जीवनशैली अक्सर जानवरों जैसी बताई जाती है। यह स्थिति तब सामने आती है जब हम उनके रहने की जगह और जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं।
दुबई में काम करने वाले मजदूरों के लिए आवास की व्यवस्था बहुत ही साधारण और कठिन होती है। वीडियो में दिखाया गया है कि वे एक बड़े हॉल में रहते हैं, जहां बेड एक-दूसरे के ऊपर रखे गए हैं। यह व्यवस्था इस बात का संकेत देती है कि इन लोगों को सीमित स्थान में रहना पड़ता है। बेड सिंगल नहीं होते, बल्कि एक के ऊपर एक रखे जाते हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि वे एक-दूसरे पर लदे हुए हैं।
इन मजदूरों को गर्मी और अन्य मौसमीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। छत टिन के शेड से बनी होती है, जो गर्मियों में अत्यधिक गर्मी को बढ़ा देती है। ऐसे में इनकी दिनचर्या बहुत कठिन हो जाती है क्योंकि उन्हें दिनभर मेहनत करनी होती है और फिर ऐसी जगह पर सोना पड़ता है जो जानवरों के तबेले जैसी लगती है।
इस स्थिति पर सोशल मीडिया पर कई प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोग इसे “पोल्ट्री फार्म का अपडेट वर्जन” बताते हैं जबकि अन्य इसे जेल जैसी स्थिति मानते हैं। इस प्रकार की टिप्पणियाँ इस बात को दर्शाती हैं कि समाज में इस मुद्दे को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।
दुबई में यूपी-बिहार के मजदूरों की जीवनशैली बेहद कठिन और असुविधाजनक है। वे वहां जानवरों से भी बदतर स्थिति में रहने को बाध्य हैं. इसका असर उनके स्वास्थ्य खास कर मानसिक स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा पड़ रहा है. कई लोग तो अपने जान से भी हाथ धो देते हैं।