नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान के साथ हो रही है. मां राज राजेश्वरी देवी मंदिर में भक्तों का सैलाब दर्शन के लिए उमड़ गया है, मंदिर मुजफ्फरपुर के रमना रोड पर स्थित है, बिहार के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. इस मंदिर की स्थापना 28 जून 1941 को आषाढ़ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुई थी.
कथित तौर पर उमाशंकर प्रसाद के पास पहले से पांच बेटियाँ थीं और उन्हें एक बेटे की इच्छा थी। उन्हें बताया गया कि माता षोडशी भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं, जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने पंडित निरसन मिश्रा से संपर्क किया और उनके निर्देशानुसार मंदिर की स्थापना की गई.
मंदिर की स्थापना के कुछ ही महीनों बाद बच्चा बाबू को पुत्र रत्न प्राप्त हुआ, जिससे लोगों की आस्था इस मंदिर में और भी बढ़ गई. यह मान्यता है कि यहां स्थापित माता षोडशी हर भक्त की मुरादें पूरी करती हैं. नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना का विधान है. शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्माचारिणी की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार की वृद्धि होती है. मां की आराधना करने से जीवन के कठिन से कठिन समय में भी व्यक्ति अपने रास्ते से विचलित नहीं होता है.
रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा