बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में बनाए जा रहे विराट रामायण मंदिर को विश्वस्तरीय स्वरूप देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। गुजरात की प्रतिष्ठित त्रिवेदी कॉर्प ने इस भव्य मंदिर के निर्माण में रुचि दिखाई है। यह कंपनी दुनियाभर में कई मंदिरों का निर्माण और डिजाइन कर चुकी है। रविवार को कंपनी के सीएमडी किरण भाई त्रिवेदी ने मंदिर निर्माण स्थल का दौरा किया और सोमवार को मंदिर निर्माण समिति के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कंपनी ने मंदिर की साज-सज्जा और फिनिशिंग के लिए अपनी विशेषज्ञता का प्रस्तुतीकरण दिया।
चुनार के पत्थरों से सजेगा मंदिर
त्रिवेदी कॉर्प के सीएमडी ने बताया कि मंदिर की दीवारों पर चुनार के पत्थरों पर रामायण के विभिन्न प्रसंगों को उकेरा जाएगा। चुनार के पत्थरों की विशेषता है कि ये काई नहीं लगते और वर्षा आदि के प्रभाव से काले नहीं पड़ते। काशी कोरिडोर में भी चुनार के पत्थरों का ही उपयोग किया गया है। विराट रामायण मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष जस्टिस पीके सिन्हा ने बताया कि यह मंदिर देश और दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर बन रहा है। इसे भव्य के साथ-साथ आकर्षक और मनोहर स्वरूप दिया जाएगा। त्रिवेदी कॉर्प ने इंग्लैंड, अमेरिका, न्यूजीलैंड समेत कई देशों में मंदिरों का निर्माण और डिजाइन किया है। कंपनी की तीन पीढ़ियां मंदिर निर्माण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।
मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा
मंदिर निर्माण समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। मार्च तक मंदिर के 3200 पाइल का काम पूरा हो चुका है और अब ऊपरी संरचना का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर 2027 के रामनवमी तक बनकर तैयार होने की संभावना है। त्रिवेदी कॉर्प के शामिल होने से विराट रामायण मंदिर को एक विश्वस्तरीय स्वरूप मिलेगा। यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल होगा बल्कि एक पर्यटन स्थल भी होगा।