Jharkhand Government: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हेमंत सोरेन सरकार द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई मंईयां सम्मान योजना को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस योजना के तहत 18-50 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए दिए जा रहे हैं। हालांकि, भाजपा ने इस योजना को चुनावी स्टंट करार दिया है और इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
कल्पना सोरेन का दावा: योजना जारी रहेगी
शुक्रवार को जमशेदपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और जेएमएम नेता कल्पना सोरेन ने दावा किया कि मंईयां सम्मान योजना चुनावों के बाद भी जारी रहेगी और यह योजना किसी भी तरह से बाधित नहीं होगी। कल्पना सोरेन ने कहा, "यह झारखंड के गठन के बाद पहली बार है कि महिलाओं के कल्याण के लिए ऐसी योजना शुरू की गई है।" उन्होंने भाजपा द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन किया, जिसमें कहा जा रहा है कि चुनावों के बाद यह योजना बंद कर दी जाएगी।
कल्पना सोरेन का भाजपा पर आरोप
कल्पना सोरेन ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी मंईयां सम्मान योजना के खिलाफ जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर रही है, जो उनके निजी स्वार्थ का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भाजपा महिलाओं और पिछड़े वर्गों के खिलाफ काम कर रही है और राज्य में आदिवासी और हाशिए पर पड़े समुदायों की उपेक्षा कर रही है। कल्पना सोरेन ने कहा, "यह योजना जारी रहेगी, लेकिन झारखंड में भाजपा का खाता बंद हो जाएगा।
जब भाजपा वालों ने मंईयां सम्मान योजना को बंद करवाने के लिए PIL दायर किया, तब उन्होंने सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि हमारी बहनों के अधिकार को छीनने की कोशिश की।
— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) September 27, 2024"
लेकिन मैं आज एक बात बिल्कुल साफ़ करना चाहती हूँ, जब तक आपके हेमन्त दादा हैं, कोई ताकत, कोई साज़िश, कोई PIL इस योजना को… pic.twitter.com/HF2bxdUJa8
भाजपा पर आदिवासियों की उपेक्षा का आरोप
कार्यक्रम में महिलाओं को संबोधित करते हुए कल्पना सोरेन ने भाजपा पर आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड विधानसभा में 27 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पारित किया था, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इस पर कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरक्षण दरों में गिरावट को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व में पिछड़े वर्गों के अधिकारों की उपेक्षा हो रही है।