Jharkhand elections: झारखंड आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहा है, और इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है। चुनाव आयोग ने पुष्टि की है कि राज्य के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के सभी पात्र मतदाताओं का नामांकन अब मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया है। यह कदम विशेष रूप से आदिवासी समुदायों के लिए निष्पक्ष और समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
PVTG मतदाता नामांकन का महत्व
झारखंड, जहां 2.59 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इसमें राज्य के आठ PVTGs के सभी 1.78 लाख पात्र मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया है। यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि PVTGs भारतीय समाज के कुछ सबसे हाशिए पर रहने वाले और कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों में से एक हैं। चुनाव आयोग की समावेशी दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि हर समुदाय, चाहे वह कितना भी कमजोर क्यों न हो, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी आवाज रख सके।
PVTG मतदाता नामांकन की प्रमुख बातें
100% मतदाता नामांकन: सभी पात्र PVTG सदस्यों का नामांकन मतदाता सूची में शामिल किया गया है।
PVTG की चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी : PVTGs और अन्य आदिवासी समूहों की चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
मतदाता वितरण: झारखंड के कुल 2.59 करोड़ मतदाताओं में से 1.28 करोड़ महिलाएं हैं, और 11.05 लाख नए युवा मतदाता हैं जिनकी उम्र 18-19 वर्ष है।
हाशिए पर रहने वाले मतदाताओं को शामिल करने के विशेष प्रयास
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रवि कुमार ने कहा कि समावेशी चुनावों के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं ताकि सभी समुदायों को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिले। राज्य का दूसरा विशेष सारांश पुनरीक्षण (SSR) 1 जुलाई 2024 तक पूरा किया गया, जिसके बाद 27 अगस्त को अद्यतन मतदाता सूची प्रकाशित की गई।
SSR के प्रमुख बिंदु
वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाता: 1.14 लाख मतदाता 85 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, और 3.64 लाख पंजीकृत दिव्यांग मतदाता हैं।
100 साल से ज्यादा के मतदाता: झारखंड में 100 वर्ष से अधिक आयु के 1,845 मतदाता हैं, जो राज्य के लंबे लोकतांत्रिक इतिहास का प्रतीक हैं।
चुनाव प्रक्रिया में सुरक्षा और निष्पक्षता
चुनावों को समावेशी बनाने के साथ-साथ, चुनाव आयोग ने आगामी चुनावों में धन-बल के दुरुपयोग के प्रति "शून्य सहिष्णुता" की नीति अपनाई है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने स्पष्ट किया है कि चुनावों में वित्तीय अनियमितताओं को सख्ती से रोका जाएगा। 5 जनवरी 2025 को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ, राजनीतिक दलों, सुरक्षा बलों और अन्य हितधारकों ने पहले ही अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
चुनाव आयोग के प्रमुख बिंदु
पैसों के लिए शून्य सहिष्णुता: साफ-सुथरे चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी और प्रवर्तन किया जाएगा।
हितधारकों से बैठकें: राजनीतिक दलों, सुरक्षा बलों और अन्य प्रमुख खिलाड़ियों के साथ चुनाव की तैयारी की समीक्षा की गई और उनकी चिंताओं पर चर्चा की गई।
मतदाता जनसांख्यिकी और भागीदारी पहल
झारखंड की चुनावी तस्वीर विविध है, जिसमें 2.59 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता शामिल हैं। इनमें पहली बार के मतदाता, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाता महत्वपूर्ण हिस्से हैं। चुनाव आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि इन समूहों की भागीदारी केवल बढ़े ही नहीं, बल्कि उन्हें वोट डालने के लिए आवश्यक सभी समर्थन और सुविधाएं प्रदान की जाएं।
मतदाता जनसांख्यिकी का विश्लेषण
पहली बार के मतदाता: 11.05 लाख मतदाता 18-19 वर्ष की उम्र में पहली बार मतदान करेंगे।
वरिष्ठ नागरिक: 1.14 लाख मतदाता 85 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जिनके लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
दिव्यांग मतदाता: 3.64 लाख पंजीकृत दिव्यांग मतदाताओं को विशेष सहायता दी जाएगी ताकि वे बिना किसी बाधा के मतदान कर सकें।