Jharkhand News: देवघर में गमाली पूजा की हुई शुरुआत, मां काली की होती है विशेष पूजा, तीन दिन तक चलता है धार्मिक अनुष्ठान
Jharkhand News:देवघर को रोग आदि से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से वर्षों से चली आ रही गमाली पूजा की शुरुआत रविवार को हो गई। इस पूजा के दौरान देवघर स्थित बाबा भोलेनाथ के मंदिर में तीन दिन का धार्मिक अनुष्ठान चलता है।...पढ़िए आगे

Deoghar: देवघर की बाबा नगरी को रोग आदि से निजात दिलाने के लिए वर्षों से चली आ रही गमाली पूजा की शुरुआत रविवार से शुरु हो चुकी है। तीन दिन तक चलने वाली इस पूजा में मां काली, मां शीतला सहित अन्य देवी-देवताओं की विशेष पूजा की जाती है। वहां के स्थानीय लोगों में इस पूजा का विशेष महत्व है और इस दौरान मां काली की विशेष तौर पर आराधना की जाती है।
पूजा के दौरान होता है तीन दिन का धार्मिक अनुष्ठान
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री दुर्लभ मिश्रा ने बताया कि यह पूजा वैदिक और तांत्रिक दोनों तरीके से की जाती है। इस पूजा के दौरान तीन दिन का धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है और शरबत का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस पूजा के दौरान कुमारी और बटुक का भोजन होता है। कुमारी को देवी का स्वरुप माना जाता है जबकि बटुक को भैरव के स्वरुप में पूजा जाता है।
शरबत का चढ़ाया जाता है प्रसाद
उन्होंने बताया कि इस पूजा में हवन के लिए प्राकृतिक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके जलने से वातावरण शुद्ध हो जाता है। रविवार से इस पूजा की विधिवत शुरुआत हो चुकी है। इस पूजा के पहले दिन नगर बंधन किया जाता है। इसके बाद देवी को दूध,दही,घी सहित अन्य वस्तुओं से बनाया गया शरबत प्रसाद के रुप में चढ़ाया जाता है।
आने-जाने पर होती है पाबंदी
ऐसी मान्यता है कि नगर बंधन के बाद पूजा की समाप्ति तक नगर के अंदर और बाहर जाने की सख्त मनाही होती है। ऐसी मान्यात है कि अगर कोई बाहरी इस दौरान नगर में प्रवेश करता है तो उससे पूजा में विघ्न उत्पन्न होता है और बीमारियों का भी प्रवेश होता है।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट